Diwali 2025: लक्ष्मी पूजा सम्पूर्ण विधि और मंत्रावली | Laxmi Puja Vidhi with Mantras
"जानिए दीपावली 2025 पर लक्ष्मी पूजा की सम्पूर्ण शास्त्रीय विधि और सभी आवश्यक मंत्र। यहाँ मिलेगा Step by Step Lakshmi Puja Vidhi, Mantra, Kuber Puja विधि और Deepavali के खास नियम, जिससे घर में सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति हो।"
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दीपावली लक्ष्मी-पूजन सम्पूर्ण विधि एवं मंत्रावली 🌸
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Diwali 2025: लक्ष्मी पूजा सम्पूर्ण विधि और मंत्रावली | Laxmi Puja Vidhi with Mantras |
1. पूर्व तैयारी
- घर व दुकान की पूरी सफाई करें।
- चौकी पर लाल/पीले कपड़े का आसन बिछाएँ।
- श्रीगणेश, महालक्ष्मी, महाकाली, सरस्वती, कुबेर व कलश की स्थापना करें।
- पूजा सामग्री : गंगाजल, कलश, नारियल, मौली, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप, मिठाई, खील-बताशे, सिक्के, खाता-बही/तिजोरी।
2. आचमन व शुद्धिकरण
(दाएँ हाथ में जल लेकर तीन बार पिएँ और चौथी बार शरीर पर छिड़कें)
ॐ केशवाय नमः।
ॐ नारायणाय नमः।ॐ माधवाय नमः।
3. संकल्प
(दाएँ हाथ में जल, पुष्प और अक्षत लेकर संकल्प करें)
मम परिवारस्य आयुरारोग्य-ऐश्वर्य-धन-धान्य-समृद्ध्यर्थं
श्रीगणेश-महालक्ष्मी-कुबेरपूजनं करिष्ये।
4. कलश-स्थापना
- कलश में जल, सुपारी, अक्षत, सिक्के डालें।
- आम्रपल्लव व नारियल रखें। मौली बाँधें।
मंत्र
ॐ अप्सु अंतर्यामी वरुणाय नमः।
ॐ कलशस्थाय देवताभ्यो नमः।
5. गणेश पूजन
- पुष्प, अक्षत, धूप, दीप अर्पित करें।
मंत्र
ॐ गं गणपतये नमः।
स्तोत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
6. महालक्ष्मी पूजन
(क) आवाहन
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः। आगच्छ आगच्छ।
(ख) अर्घ्य, पाद्य, आचमन
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः पाद्यं समर्पयामि।
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः अर्घ्यं समर्पयामि।ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः आचमनीयं समर्पयामि।
(ग) स्नान
ॐ गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलस्मिन् संनिधिं कुरु॥
(घ) अष्टोपचार पूजन
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः गन्धं समर्पयामि।
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः पुष्पाणि समर्पयामि।ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः धूपं आघ्रापयामि।ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः दीपं दर्शयामि।ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः नैवेद्यं निवेदयामि।ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ताम्बूलं समर्पयामि।ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः वस्त्रं समर्पयामि।ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः आभूषणं समर्पयामि।
7. कुबेर पूजन
(सुपारी, सिक्के, पुष्प अर्पित करें)
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः।
8. लक्ष्मी स्तुति
नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शंखचक्र गदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥
(३, ११ या २१ बार पाठ करें)
9. आरती
दीपक जलाकर आरती करें।
ॐ जयन्ती माङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते॥
(सामान्यत: “जय लक्ष्मी माता” आरती गायी जाती है।) देखें 👇
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10. प्रसाद वितरण
- खील, बताशे, गुड़, मिठाई, पंचमेवा का नैवेद्य अर्पित कर परिवार व अतिथियों में बाँटें।
11. समापन प्रार्थना
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोऽस्तु ते॥
12. फलश्रुति
- लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल (सूर्यास्त के १.५ घंटे बाद) में करें।
- पूजनोपरांत १३, २१ या ५१ दीपक घर के प्रत्येक स्थान पर रखें।
- लक्ष्मीजी के चरणचिह्न तिजोरी व मुख्यद्वार पर रखें।
🌺 इस प्रकार यह पूर्ण शास्त्रोक्त दीपावली लक्ष्मी-पूजन विधि एवं मंत्रावली सम्पन्न होती है। 🌺
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