UPI New Limit 2025: अब एक दिन में 10 लाख तक का पेमेंट संभव | यूपीआई से Digital India को नई उड़ान

Sooraj Krishna Shastri
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 UPI New Limit 2025: अब एक दिन में 10 लाख तक का पेमेंट संभव | यूपीआई से Digital India को नई उड़ान

भारत सरकार ने डिजिटल पेमेंट को और आसान बनाने के लिए UPI Transaction Limit बढ़ा दी है। अब 15 सितंबर 2025 से कोई भी ग्राहक पर्सन-टू-मर्चेंट लेनदेन में 10 लाख रुपये तक का भुगतान कर सकेगा। पहले यह सीमा सिर्फ 1 लाख रुपये थी। नए नियम से कैपिटल मार्केट, इंश्योरेंस, जेम पोर्टल, ट्रैवल सेक्टर और ज्वेलरी जैसे क्षेत्रों में भी यूपीआई लिमिट को 5 लाख तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट की लिमिट भी 5 लाख (डेली लिमिट 6 लाख) कर दी गई है। अगस्त 2025 में यूपीआई ने 20 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन दर्ज करके इतिहास रचा और आज डिजिटल पेमेंट में 85% हिस्सेदारी रखता है। यूपी और महाराष्ट्र जैसे राज्य यूपीआई ट्रांजैक्शन में सबसे आगे हैं। यह फैसला MSMEs, व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं के लिए बेहद फायदेमंद होगा, क्योंकि अब बड़ी रकम का भुगतान एक ही बार में सुरक्षित तरीके से किया जा सकेगा। सरकार के इस कदम से डिजिटल इंडिया और कैशलेस इकॉनमी को नई रफ्तार मिलेगी।


📰 बड़ी खबर: अब UPI से 10 लाख तक का पेमेंट संभव, सरकार ने बढ़ाई ट्रांजैक्शन लिमिट

नई दिल्ली, 13 सितंबर – डिजिटल इंडिया अभियान को नई उड़ान देते हुए सरकार ने यूपीआई (UPI) के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब कोई भी व्यक्ति पर्सन-टू-मर्चेंट ट्रांजैक्शन के तहत 10 लाख रुपये तक का भुगतान कर सकेगा। यह नया नियम 15 सितंबर से लागू होगा। वहीं, पर्सन-टू-पर्सन ट्रांजैक्शन की सीमा पहले की तरह 1 लाख रुपये ही बनी रहेगी।

UPI New Limit 2025: अब एक दिन में 10 लाख तक का पेमेंट संभव | यूपीआई से Digital India को नई उड़ान
UPI New Limit 2025: अब एक दिन में 10 लाख तक का पेमेंट संभव | यूपीआई से Digital India को नई उड़ान


क्या बदला?

  • पहले बड़ी रकम के भुगतान के लिए चेक या बैंक ट्रांसफर का सहारा लेना पड़ता था।
  • अब सीधे एक ही बार में 10 लाख रुपये तक UPI से ट्रांसफर संभव होगा।
  • इससे समय और प्रक्रिया दोनों की बचत होगी।

किन-किन क्षेत्रों में बढ़ी लिमिट?

सरकार और एनपीसीआई (NPCI) ने कुछ खास सेक्टर्स में भी UPI लिमिट बढ़ाई है:

  • कैपिटल मार्केट (शेयर बाजार) – ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख
  • इंश्योरेंस सेक्टर – अब प्रति ट्रांजैक्शन ₹5 लाख
  • जेम पोर्टल (सरकारी ई-मार्केटप्लेस) – ₹5 लाख
  • ट्रैवल सेक्टर – ₹5 लाख
  • ज्वेलरी खरीदारी – ₹5 लाख
  • क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट – प्रति ट्रांजैक्शन ₹5 लाख, डेली लिमिट ₹6 लाख

यूपीआई का दबदबा

  • अगस्त 2025 में 20 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन दर्ज हुए।
  • डिजिटल पेमेंट में यूपीआई का योगदान लगभग 85% है।
  • 680 से अधिक बैंक इस प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं।
  • यूपी और महाराष्ट्र यूपीआई ट्रांजैक्शन में सबसे आगे।

क्यों खास है ये बदलाव?

  • ग्राहकों को बड़ी रकम का भुगतान करने में आसानी।
  • छोटे और मध्यम व्यापारियों (MSMEs) को बड़ा लाभ।
  • समय की बचत और पारदर्शी सिस्टम।
  • कैशलेस इकॉनमी की ओर तेजी से बढ़ता भारत।

एक्सपर्ट्स की राय

विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारी सीजन में इस फैसले का सीधा असर बाजार पर पड़ेगा। बड़ी खरीदारी और लेनदेन आसानी से हो सकेंगे, जिससे 20% तक की बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है।


निष्कर्ष:

डिजिटल पेमेंट की दुनिया में यूपीआई ने एक और रिकॉर्ड बना दिया है। अब चाहे ज्वेलरी की खरीदारी हो, ट्रैवल का पेमेंट हो या इंश्योरेंस की प्रीमियम – सब कुछ एक क्लिक में और बड़ी रकम तक संभव हो पाएगा।


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यहाँ इस खबर से जुड़े महत्वपूर्ण FAQs दिए गए हैं:


❓ UPI Transaction Limit 2025 FAQs

1. यूपीआई से अब अधिकतम कितनी रकम ट्रांसफर की जा सकती है?

👉 15 सितंबर 2025 से पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन की लिमिट 10 लाख रुपये कर दी गई है।

2. पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजैक्शन की लिमिट कितनी है?

👉 पर्सन-टू-पर्सन पेमेंट की लिमिट अभी भी 1 लाख रुपये प्रति दिन है, इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।

3. किन सेक्टर्स में UPI की लिमिट बढ़ाई गई है?

👉 कैपिटल मार्केट, इंश्योरेंस, जेम पोर्टल, ट्रैवल सेक्टर, ज्वेलरी और क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट में लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है।

4. क्या क्रेडिट कार्ड बिल UPI से भरा जा सकता है?

👉 हां, अब प्रति ट्रांजैक्शन 5 लाख रुपये तक का क्रेडिट कार्ड बिल UPI से पेमेंट किया जा सकता है। डेली लिमिट 6 लाख रुपये तय की गई है।

5. यह नया नियम कब से लागू होगा?

👉 नया नियम 15 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू होगा।

6. क्या यूपीआई से अंतरराष्ट्रीय भुगतान भी संभव है?

👉 हां, अब कई देशों में UPI की सुविधा उपलब्ध है और धीरे-धीरे इसका विस्तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किया जा रहा है।

7. यूपीआई की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी किस राज्य की है?

👉 NPCI के अनुसार, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश यूपीआई ट्रांजैक्शन में सबसे आगे हैं।

8. MSMEs और व्यापारियों को इससे क्या लाभ होगा?

👉 छोटे और मध्यम उद्यमियों को बड़ी रकम एक ही बार में प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, जिससे उनके व्यवसाय को गति मिलेगी।



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