धार्मिक स्थल: श्री मुक्तेश्वर मंदिर, भुवनेश्वर (ओडिशा), इतिहास और यात्रा विवरण

Sooraj Krishna Shastri
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यहाँ 🛕श्री मुक्तेश्वर मंदिर, भुवनेश्वर (ओडिशा)🛕 पर आधारित विवरण को और अधिक विस्तृत, सुव्यवस्थित एवं सूचनात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है:

धार्मिक स्थल: श्री मुक्तेश्वर मंदिर, भुवनेश्वर (ओडिशा), इतिहास और यात्रा विवरण
धार्मिक स्थल: श्री मुक्तेश्वर मंदिर, भुवनेश्वर (ओडिशा), इतिहास और यात्रा विवरण



🛕 धार्मिक स्थल: श्री मुक्तेश्वर मंदिर, भुवनेश्वर (ओडिशा), इतिहास और यात्रा विवरण

🚩 एक दिव्य स्थापत्य और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक 🚩


🔹 स्थान व पहुंच

  • 📍 स्थान: भुवनेश्वर, ओडिशा
  • 🚉 निकटतम रेलवे स्टेशन: भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन (लगभग 11 किलोमीटर दूर)
  • 🧭 स्थिति: एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित
  • 🪜 सीढ़ियाँ: मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 100 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं।

🔹 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • 🏗️ निर्माण वर्ष: लगभग 970 ईस्वी
  • 👑 निर्माता: सोमवंशी वंश के एक शक्तिशाली राजा द्वारा निर्मित
  • 🕉️ समर्पित देवता: भगवान शिव (मुक्तेश्वर रूप में)

🔹 मंदिर की विशेषताएँ

🛕 मुख्य देवता और अन्य मूर्तियाँ

  • भगवान शिव के साथ:
    • माता पार्वती
    • भगवान विष्णु
    • भगवान ब्रह्मा
    • हनुमान जी
    • नंदी महाराज (भगवान शिव के वाहन)
  • 🙈 मंदिर परिसर के बाहर लंगूरों का जमावड़ा आम दृश्य है।

🧱 वास्तुकला एवं कला शैली

  • 🏛️ शैली का प्रकार:
    • नागर शैली और कलिंग स्थापत्य का अनूठा संगम
  • 🎨 नक्काशी एवं चित्रण:
    • खंभों और दीवारों पर अत्यंत सूक्ष्म और आकर्षक नक्काशी
    • दरवाज़े आर्क (तोरण) शैली में बने हैं
    • तोरण की विशेषता: मगरमच्छ के सिर के आकार का अलंकरण
  • 🖼️ चित्रकला:
    • एक प्रमुख चित्र में कृशकाय (दुबले-पतले) साधु और दौड़ते बंदर दर्शाए गए हैं
    • एक अन्य चित्र में पंचतंत्र की कहानी को शिल्प रूप में उकेरा गया है
  • 🧱 खंभों की सजावट:
    • खंभों पर भी उत्कृष्ट नक्काशी की गई है, जो कलात्मक गहराई और धार्मिक प्रतीकों को दर्शाते हैं।

🔹 प्राकृतिक और पौराणिक स्थल

  • 💧 मरीची कुंड:
    • मंदिर के दाहिनी ओर एक प्राचीन जलकुंड स्थित है, जिसे मरीची कुंड कहा जाता है।
    • यह कुंड धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है और कई श्रद्धालु यहाँ जल स्पर्श करते हैं।

🔹 उल्लेखनीय तथ्य

  • यह मंदिर मुक्ति प्राप्ति के आध्यात्मिक भाव को केंद्र में रखता है, इसलिए इसे "मुक्तेश्वर" कहा जाता है।
  • यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि प्राचीन भारतीय वास्तुकला, कला और सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उदाहरण भी है।
  • ओडिशा के स्थापत्य विकास में यह मंदिर एक मील का पत्थर माना जाता है।

🔹 पर्यटन और दर्शन की दृष्टि से महत्त्व

  • यह मंदिर ओडिशा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
  • इतिहास, शिल्पकला, धर्म और प्रकृति में रुचि रखने वाले पर्यटक इसे अवश्य देखने जाते हैं।
  • यहां का वातावरण अत्यंत शांत, आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण होता है।

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