राशियों का अंगविभाग, स्वभाव, लिंग, और दोषाधारिता (त्रिदोष सिद्धांत)
प्रस्तुत यह जानकारी राशियों का अंगविभाग, स्वभाव, लिंग, और दोषाधारिता (त्रिदोष सिद्धांत) को अत्यंत व्यवस्थित रूप में वर्णित करती है। अब इसे एक सुव्यवस्थित चार्ट और सारांश के रूप में इस प्रकार प्रस्तुत किया जा सकता है—
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राशियों का अंगविभाग, स्वभाव, लिंग, और दोषाधारिता (त्रिदोष सिद्धांत) |
🪷 (1) राशियाँ एवं कालपुरुष के अंग (कालपुरुष शरीर में राशियों का विभाजन)
राशि |
अंग (शरीर का भाग) |
भाव अनुसार शरीर भाग |
मेष |
शीर्ष (सिर) |
लग्न (1st भाव) – सिर |
वृषभ |
आनन (मुख) |
2nd भाव – मुख |
मिथुन |
भुजा (बाहु) |
3rd भाव – भुजाएँ |
कर्क |
हृदय |
4th भाव – हृदय |
सिंह |
क्रोड़ (पेट) |
5th भाव – उदर |
कन्या |
कटि (कमर) |
6th भाव – कटि |
तुला |
बस्ति |
7th भाव – बस्ति |
वृश्चिक |
गुप्तांग |
8th भाव – गुप्त भाग |
धनु |
ऊरु (जांघें) |
9th भाव – जांघें |
मकर |
जानु (घुटने) |
10th भाव – घुटने |
कुम्भ |
जंघा (पिंडलियाँ) |
11th भाव – पिंडलियाँ |
मीन |
चरण (पैर) |
12th भाव – चरण |
🌀 (2) राशियों का स्वभाव (चर, स्थिर, द्विस्वभाव)
स्वभाव |
राशियाँ (क्रमशः) |
चर (Moveable) |
मेष, कर्क, तुला, मकर |
स्थिर (Fixed) |
वृषभ, सिंह, वृश्चिक, कुम्भ |
द्विस्वभाव (Dual) |
मिथुन, कन्या, धनु, मीन |
🧘♂️ (3) राशियों का लिंग और स्वभाव (क्रूर/सौम्य, पुरुष/स्त्री)
राशि |
लिंग |
स्वभाव |
विषम राशि (1,3,5,7,9,11) |
पुरुष |
क्रूर |
सम राशि (2,4,6,8,10,12) |
स्त्री |
सौम्य |
🔸 विषम राशियाँ = मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, कुम्भ
🔸 सम राशियाँ = वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर, मीन
⚕️ (4) त्रिदोषाधारित राशियों का वर्गीकरण (पित्त, वात, कफ, त्रिधातु)
दोष |
राशियाँ |
दोष का प्रभाव संकेत |
पित्त |
मेष (1), सिंह (5), धनु (9) |
तीव्रता, ऊर्जा, क्रिया |
वात |
वृषभ (2), कन्या (6), मकर (10) |
गति, परिवर्तन, उत्साह |
कफ |
कर्क (4), वृश्चिक (8), मीन (12) |
स्थिरता, स्निग्धता |
त्रिधातु |
मिथुन (3), तुला (7), कुम्भ (11) |
मिश्रित स्वभाव, समन्वय |
📝 सारगर्भित निष्कर्ष:
- कालपुरुष = विराट विष्णु का प्रतीकात्मक स्वरूप है, जिसमें राशियाँ उनके देह के विभिन्न अंगों से सम्बंधित हैं।
- हर राशि का एक स्वाभाविक स्वभाव, दोष, लिंग और गति-स्थिति है जो फलित ज्योतिष में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
- राशियों को केवल राशि चक्र के रूप में नहीं, बल्कि एक दिव्य शरीर के जीवंत अंगों के रूप में देखना ही होराशास्त्र की गूढ़ता को प्रकट करता है।
राशियों के अंगविभाग, स्वभाव, लिंग, और दोषों के आधार पर एक व्यवस्थित सारणी (Table):
🌟 राशियों का पूर्ण सारणीबद्ध विवरण 🌟
क्रम |
राशि (संस्कृत) |
राशि (हिंदी/अंग्रेजी) |
कालपुरुष का अंग |
स्वभाव |
लिंग |
प्रकृति (दोष) |
गुण |
1 |
मेष |
मेष / Aries |
शीर्ष (सिर) |
चर |
पुरुष |
पित्त |
क्रूर |
2 |
वृषभ |
वृषभ / Taurus |
मुख (चेहरा) |
स्थिर |
स्त्री |
वात |
सौम्य |
3 |
मिथुन |
मिथुन / Gemini |
भुजा (बाँहें) |
द्विस्वभाव |
पुरुष |
त्रिदोष |
क्रूर |
4 |
कर्क |
कर्क / Cancer |
हृदय |
चर |
स्त्री |
कफ |
सौम्य |
5 |
सिंह |
सिंह / Leo |
पेट |
स्थिर |
पुरुष |
पित्त |
क्रूर |
6 |
कन्या |
कन्या / Virgo |
कटि |
द्विस्वभाव |
स्त्री |
त्रिदोष |
सौम्य |
7 |
तुला |
तुला / Libra |
बस्ति (कूल्हे) |
चर |
पुरुष |
वात |
सौम्य |
8 |
वृश्चिक |
वृश्चिक / Scorpio |
गुप्तांग |
स्थिर |
स्त्री |
कफ |
क्रूर |
9 |
धनु |
धनु / Sagittarius |
जांघें |
द्विस्वभाव |
पुरुष |
पित्त |
क्रूर |
10 |
मकर |
मकर / Capricorn |
घुटने |
चर |
स्त्री |
वात |
सौम्य |
11 |
कुम्भ |
कुम्भ / Aquarius |
पिंडलियाँ |
स्थिर |
पुरुष |
त्रिदोष |
क्रूर |
12 |
मीन |
मीन / Pisces |
चरण (पाँव) |
द्विस्वभाव |
स्त्री |
कफ |
सौम्य |
🔍 महत्वपूर्ण संकेत:
- चर (Movable): गति, परिवर्तन, कार्य-प्रवृत्ति का सूचक।
- स्थिर (Fixed): स्थायित्व, दृढ़ता, धैर्य का प्रतीक।
- द्विस्वभाव (Dual): परिवर्तनशील और अनुकूलनशील प्रकृति।
- पित्त, कफ, वात: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से शारीरिक/मनोवृत्ति का संकेत।