संस्कृत श्लोक "बन्धनानि खलु सन्ति बहूनि प्रेमरज्जुकृतबन्धनमन्यत्" का हिन्दी अनुवाद और विश्लेषण
🌸 जय श्रीराम! सुप्रभातम् 🌸
यह श्लोक अत्यंत सुंदर और गूढ़ है। इसमें प्रेम-बन्धन की शक्ति और उसकी विशिष्टता को प्रकृति के अद्भुत उदाहरण से समझाया गया है। आइए इसे व्यवस्थित रूप से देखें—
१. संस्कृत मूल
बन्धनानि खलु सन्ति बहूनि
प्रेमरज्जुकृतबन्धनमन्यत्।
दारुभेदनिपुणोऽपि षडङ्घ्रि
र्निष्क्रियो भवति पङ्कजकोशेः॥
२. अंग्रेज़ी ट्रान्सलिटरेशन (IAST)
bandhanāni khalu santi bahūni
prema-rajjukṛta-bandhanam anyat ।
dāru-bheda-nipuṇo’pi ṣaḍaṅghrir niṣkriyo
bhavati paṅkaja-kośeḥ ॥
३. पद-पद अर्थ (Word-by-Word Meaning)
पद | अर्थ |
---|---|
बन्धनानि | बन्धन, बंधनाएं |
खलु | निश्चय ही, वास्तव में |
सन्ति | हैं |
बहूनि | अनेक |
प्रेम-रज्जु-कृत-बन्धनम् | प्रेमरूपी डोर से बना बन्धन |
अन्यत् | भिन्न, विशेष |
दारु-भेदनिपुणः | लकड़ी को भेदने में निपुण (भौंरा) |
षडङ्घ्रिः | छः पाँव वाला, भौंरा |
निष्क्रियः भवति | असमर्थ हो जाता है |
पङ्कज-कोशेः | बंद कमल की पंखुड़ियों में |
४. हिन्दी अनुवाद
संसार में बन्धन अनेक प्रकार के हैं, पर प्रेम का बन्धन उनसे सर्वथा भिन्न है।
जैसे—एक भौंरा, जो कठोर लकड़ी को भेद सकता है, वही रात को जब कमल की पंखुड़ियाँ बंद हो जाती हैं, तो उसमें फँसकर निष्क्रिय हो जाता है। उसी प्रकार प्रेम का बन्धन सबसे विलक्षण है।
५. English Translation
There are many kinds of bondages in this world,
but the bondage created by the cord of love is truly unique.
A bumblebee that is skilled enough to bore into hard wood,
becomes helpless and inactive when trapped inside the soft petals of a lotus at night.
६. व्याकरणिक विश्लेषण
- बन्धनानि → नपुंसकलिंग, बहुवचन, प्रथमा।
- प्रेमरज्जुकृतबन्धनम् → समास = प्रेमरज्जु (प्रेम की डोर) + कृत (से बना) + बन्धनम्।
- षडङ्घ्रिः → षट् (छः) + अङ्घ्रि (पाँव), भौंरे का विशेषण।
- पङ्कजकोशेः → पङ्कज (कमल) + कोश (पुट, आवरण), "कमल की बंद पंखुड़ियों में।"
७. आधुनिक सन्दर्भ
🔹 आज के जीवन में भी हम देखते हैं कि भौतिक शक्ति, कौशल और चतुराई अनेक कठिनाइयों को पार कर सकते हैं,
परंतु प्रेम का बन्धन सबसे प्रबल होता है।
🔹 प्रेम का प्रभाव इतना सूक्ष्म और गहरा है कि वह शक्तिशाली व्यक्ति को भी मृदु और विनम्र बना देता है।
🔹 यह श्लोक हमें सिखाता है कि— प्रेम में कमजोरी नहीं, बल्कि सबसे बड़ी शक्ति छिपी है।
८. संवादात्मक नीति कथा
भौंरा और कमल
एक भौंरा गर्व करता था—“मैं इतनी शक्ति रखता हूँ कि कठोर लकड़ी को भी छेद सकता हूँ।”
एक दिन रात को वह कमल में जाकर बैठ गया। जब कमल की पंखुड़ियाँ बंद हो गईं, तो भौंरा बाहर निकलने में असमर्थ हो गया।
तब उसे समझ आया—“कठोरता पर बल से विजय पाई जा सकती है, पर कोमलता और प्रेम में बन्ध जाने पर बल भी व्यर्थ हो जाता है।”
९. सार-सूत्र (Takeaway)
👉 संसार में सबसे विलक्षण बन्धन प्रेम है।
👉 शक्ति और कौशल भी प्रेम के सामने झुक जाते हैं।
👉 प्रेम कठोरता को भी पराजित कर सकता है, क्योंकि उसका बन्धन अदृश्य परंतु अटूट होता है।