Karwa Chauth 2025: करवा चौथ व्रत तिथि, महत्त्व, पूजा विधि, मुहूर्त, कथा और चंद्रोदय समय

Sooraj Krishna Shastri
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Karwa Chauth 2025: करवा चौथ व्रत तिथि, महत्त्व, पूजा विधि, मुहूर्त, कथा और चंद्रोदय समय


✨1. Karwa Chauth 2025 Importance and Significance | करवा चौथ का महत्व

करवा चौथ भारतीय संस्कृति का अत्यंत पावन व्रत है। विवाहित स्त्रियाँ यह उपवास अपने पति की दीर्घायु, आरोग्य और अखंड सौभाग्य की कामना से करती हैं।

  • धार्मिक दृष्टि से : यह व्रत पतिव्रता धर्म का आदर्श है।
  • पौराणिक आधार : करवा नामक पतिव्रता स्त्री ने अपने तप और श्रद्धा से यमराज तक को परास्त कर अपने पति का प्राण बचाया।
  • ज्योतिषीय कारण : चन्द्रमा मन, स्वास्थ्य और सौभाग्य का कारक है। चन्द्रदर्शन कर अर्घ्य देने से पति-पत्नी के दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति आती है।
  • सामाजिक दृष्टि से : यह पर्व पति-पत्नी के प्रेम, परिवार की एकता और स्त्री-शक्ति के त्याग व संकल्प का प्रतीक है।
Karwa Chauth 2025: करवा चौथ व्रत तिथि, महत्त्व, पूजा विधि, मुहूर्त, कथा और चंद्रोदय समय
Karwa Chauth 2025: करवा चौथ व्रत तिथि, महत्त्व, पूजा विधि, मुहूर्त, कथा और चंद्रोदय समय



✨2. Karwa Chauth Vrat Vidhi in Hindi | करवा चौथ व्रत विधि

  1. सर्गी (प्रातःकालीन भोजन)

    • सूर्योदय से पहले (सुबह 6:12 बजे से पूर्व) सास द्वारा दी गई सर्गी का सेवन करें।
    • इसके पश्चात व्रत का संकल्प लें –संकल्प मन्त्र : “मम सुख-सौभाग्य-पुत्र-पौत्रादि-सुस्थिर-श्री-प्राप्तये करक-चतुर्थी-व्रतमहं करिष्ये।”
    • इसके बाद पूरे दिन का निर्जल उपवास प्रारंभ होता है।
  1. दिवसकालीन व्रत

    • दिनभर जल और अन्न का त्याग करें।
    • श्रृंगार करें, सुहाग की वस्तुओं का प्रयोग करें (सिंदूर, बिंदी, चूड़ी आदि)।
  2. सायंकालीन पूजा (5:57 PM – 8:00 PM)

    • पवित्र आचमन करें और पूजा हेतु संकल्प करें :- “मम सुख-सौभाग्य-पुत्र-पौत्रादि-सुस्थिर-श्री-प्राप्तये करक-चतुर्थी-व्रतस्य पूर्णतासिद्ध्यर्थं देवी-देवानां च पूजनम् अहं करिष्ये।”
    • करवा (जल से भरा कलश) पर रोली, अक्षत, कच्चा सूत आदि चढ़ाएँ।
    • शाम के समय मिट्टी/बालू या लकड़ी की वेदी पर शिव-पार्वती, गणेश, स्वामी कार्तिकेय और चन्द्रमा की स्थापना करें।
    • यदि मूर्ति न हो तो सुपारी पर मौली (नाड़ा) बाँधकर देवता की भावना करें।
    • गणेशजी, गौरीमाता, शिवजी और सप्तर्षियों की पूजा करें।
    • मां पार्वती का सुहाग-सामग्री से श्रृंगार करें। शिव-पार्वती एवं अन्य देवताओं का पूजन करें। एक लोटा, एक वस्त्र और एक करवा दक्षिणा के रूप में अर्पित करें।
    • मन्त्र-पूजन क्रम :- मां पार्वती : “ॐ शिवायै नमः” भगवान शिव : “ॐ नमः शिवाय” स्वामी कार्तिकेय : “ॐ षण्मुखाय नमः” श्री गणेश : “ॐ गणेशाय नमः” चन्द्रमा : “ॐ सोमाय नमः” सप्तर्षि: ॐ सप्तर्षये नमः ।
    • कोरे (नए) करवे में जल भरकर पूजन करें।
    • सामूहिक रूप से या घर में करवा चौथ की कथा सुनें।
  1. चन्द्रदर्शन और व्रत-समापन

    • चन्द्रमा निकलने पर छलनी से चन्द्रमा व पति का दर्शन करें।
    • चन्द्रमा को अर्घ्य अर्पण कर प्रार्थना करें।
    • पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत पूर्ण करें।

✨3. Karwa Chauth 2025 Puja Muhurat | करवा चौथ पूजा मुहूर्त 2025

  • तिथि : शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025
  • व्रत प्रारंभ (सूर्योदय) : 6:12 AM
  • पूजा मुहूर्त : 5:57 PM – 8:00 PM
  • चन्द्रदर्शन समय : स्थानानुसार (नीचे तालिका में)
  • चतुर्थी तिथि समाप्ति : 11:32 PM

✨4. Karwa Chauth 2025 Chand Nikalne ka Samay | करवा चौथ चंद्रोदय समय

नगर चन्द्रोदय समय
दिल्ली 08:14 PM
लखनऊ 08:03 PM
प्रयागराज 08:03 PM
अयोध्या 07:58 PM
सुलतानपुर 08:00 PM
मुंबई 08:56 PM
सतना 08:09 PM
रीवा 08:07 PM
जबलपुर 08:17 PM
कटनी 08:20 PM

✨5. Karwa Chauth Vrat Katha 2025 | करवा चौथ व्रत कथा

(क) करवा माता की कथा

बहुत समय पूर्व करवा नामक पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी किनारे रहती थी। एक दिन उसका पति स्नान करते समय मगरमच्छ द्वारा पकड़ा गया। पति ने “करवा-करवा” पुकारा।

करवा तत्काल पहुँची और कच्चे धागे से मगरमच्छ को बाँध दिया।

वह सीधे यमराज के पास गई और बोली – “इस मगरमच्छ ने मेरे पति का पैर पकड़ा है, इसे नरक में भेज दीजिए।”

यमराज ने कहा – “मगरमच्छ की आयु शेष है, मैं उसे नहीं मार सकता।”

करवा बोली – “यदि आपने ऐसा नहीं किया तो मैं आपको श्राप दूँगी।”

यमराज भयभीत हो गए और मगरमच्छ को यमपुरी भेज दिया, साथ ही करवा के पति को दीर्घायु का आशीर्वाद दिया।

👉 तभी से करवा माता की पूजा कर पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना की जाती है।

(ख) करवा चौथ व्रत कथा 

बहुत समय पहले एक साहूकार के सात बेटे और एक बेटी थी। करवा चौथ के दिन उसकी बहन ने व्रत रखा। भाइयों ने उसे भूखा-प्यासा देखा तो उसे जल पिलाने का उपाय खोजा। सबसे छोटे भाई ने छल से पेड़ पर दीपक रख दिया और कहा – “चाँद निकल आया है।” बहन ने बिना सत्य जाने व्रत तोड़ दिया।

थोड़ी ही देर बाद उसका पति बीमार हो गया। दुखी होकर वह अपनी गलती समझी और अगले वर्ष पुनः पूरे नियम और श्रद्धा से करवा चौथ का व्रत किया। उसकी भक्ति से उसका पति स्वस्थ और दीर्घायु हुआ। तभी से करवा चौथ व्रत पति की दीर्घायु और स्त्री के सौभाग्य का प्रतीक माना जाने लगा।


✨6. Karwa Chauth 2025 Shlok and Mantra | करवा चौथ के मंत्र और श्लोक

पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना

"आयुष्मान भव मे नाथ सौभाग्यं मे प्रदीयताम्।
पत्युः दीर्घं चायुर्देहि मनसश्च प्रसादिनी॥"

भावार्थ – हे देव! मेरे पति आयुष्मान हों और मेरा सौभाग्य अखंड बना रहे।


चन्द्रमा को अर्घ्य अर्पित करते समय

"नमः सोमाय शशिनॆ लोकानां हितकारिणे।
अर्घ्यम् गृहाण देवेश गृहारोग्यं प्रदाय मे॥"

भावार्थ – हे चन्द्रदेव! अर्घ्य स्वीकार करें और हमें स्वास्थ्य व सौभाग्य प्रदान करें।


📌 निष्कर्ष

करवा चौथ व्रत 2025 में महिलाएँ सुबह 6:12 से उपवास आरंभ कर रात्रि चन्द्रदर्शन तक करेंगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सायं 5:57 से 8:00 बजे तक रहेगा।
यह व्रत न केवल पति की दीर्घायु के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि दाम्पत्य प्रेम, सामाजिक एकता और स्त्री-शक्ति की निष्ठा का प्रतीक है।

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