11 Mukhi Hanuman Ji Puja Benefits | ११ मुखी हनुमान जी की पूजा और स्वरूप

Sooraj Krishna Shastri
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11 Mukhi Hanuman Ji Puja Benefits | ११ मुखी हनुमान जी की पूजा और स्वरूप

11 मुखी हनुमान जी की पूजा का महत्व जानें। पूर्वमुखी, पश्चिममुखी, उत्तरमुखी, दक्षिणमुखी, पंचमुखी और एकादशी हनुमान जी के स्वरूप एवं उनके विशेष लाभ विस्तार से पढ़ें।

 हनुमान जी के 11 स्वरूप (मुख) भक्तों के जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। प्रत्येक स्वरूप की पूजा से अलग-अलग मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और साधक को शक्ति, साहस, धन, ज्ञान और भक्ति प्राप्त होती है। आइए विस्तृत विवेचन को हेडिंग्स के साथ समझें—


1. पूर्वमुखी हनुमान – शत्रु नाशक वानर रूप

पूर्वमुखी हनुमान जी का स्वरूप वानर रूप में है। यह करोड़ों सूर्य के समान तेजस्वी बताए गए हैं। इनकी पूजा करने से शत्रु नाश होते हैं और जीवन में साहस, शक्ति और विजय की प्राप्ति होती है।


2. पश्चिममुखी हनुमान – संकटमोचन गरुड़ रूप

पश्चिममुखी हनुमान जी गरुड़ रूप में पूजे जाते हैं। यह स्वरूप अमरत्व और संकटमोचन का प्रतीक है। इनकी पूजा से जीवन के बड़े संकट समाप्त होते हैं और साधक को सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है।


3. उत्तरमुखी हनुमान – ऐश्वर्यदायी वराह रूप

उत्तरमुखी हनुमान जी शूकर (वराह) स्वरूप में पूजे जाते हैं। उत्तर दिशा देवताओं की दिशा मानी जाती है, इसलिए इस स्वरूप की पूजा करने से धन, ऐश्वर्य, प्रतिष्ठा, लंबी आयु और रोगमुक्ति मिलती है।


4. दक्षिणमुखी हनुमान – भय नाशक नृसिंह रूप

दक्षिणमुखी हनुमान जी का स्वरूप भगवान नृसिंह से जुड़ा है। दक्षिण दिशा यमराज की मानी जाती है। इनकी पूजा से भय, चिंता, बुरी शक्तियों और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।

11 Mukhi Hanuman Ji Puja Benefits | ११ मुखी हनुमान जी की पूजा और स्वरूप
11 Mukhi Hanuman Ji Puja Benefits | ११ मुखी हनुमान जी की पूजा और स्वरूप



5. ऊर्ध्वमुखी हनुमान – विद्या प्रदाता हयग्रीव रूप

ऊर्ध्वमुखी हनुमान जी हयग्रीव रूप में पूजे जाते हैं। यह स्वरूप विद्या और ज्ञान का प्रतीक है। पूजा करने से साधक को बुद्धि, विवेक और शिक्षा की प्राप्ति होती है तथा शत्रुओं और अज्ञान का नाश होता है।


6. पंचमुखी हनुमान – सर्वांगीण रक्षा स्वरूप

पंचमुखी हनुमान के पाँच मुख – पूर्व में हनुमान, दक्षिण में नृसिंह, पश्चिम में गरुड़, उत्तर में वराह और आकाश में हयग्रीव। यह स्वरूप अहिरावण वध से जुड़ा है। इनकी पूजा से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और साधक को पूर्ण सुरक्षा मिलती है।


7. एकादशी हनुमान – रुद्र स्वरूप

एकादशी हनुमान जी भगवान शिव के 11वें अवतार माने जाते हैं। इस स्वरूप में हनुमान जी ने कालकारमुख राक्षस का वध किया था। इनकी पूजा करने से भक्त को सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


8. वीर हनुमान – साहस और पराक्रम का प्रतीक

वीर हनुमान जी का स्वरूप भक्तों में साहस, शक्ति और आत्मविश्वास जगाता है। इस रूप की पूजा से व्यक्ति निर्भीक बनता है और कठिनाइयों से लड़ने में सफल होता है।


9. भक्त हनुमान – श्रीराम भक्ति का स्वरूप

भक्त हनुमान जी श्रीराम के प्रति अनन्य भक्ति का प्रतीक हैं। इस स्वरूप की पूजा करने से भक्त को भगवान श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही भक्ति में एकाग्रता और मानसिक शांति मिलती है।


10. दास हनुमान – सेवा और समर्पण का प्रतीक

दास हनुमान जी का स्वरूप उनकी श्रीराम के प्रति सेवा भावना को दर्शाता है। इस स्वरूप की पूजा से भक्त को धर्म कार्यों में सफलता, विनम्रता और पूर्ण समर्पण की शक्ति प्राप्त होती है।


11. सूर्यमुखी हनुमान – ज्ञान और उन्नति का स्वरूप

सूर्यमुखी हनुमान जी का स्वरूप सूर्यदेव से जुड़ा है, जिन्हें हनुमान जी ने गुरु माना। इस स्वरूप की पूजा करने से ज्ञान, यश, कीर्ति, प्रतिष्ठा और उन्नति मिलती है।


🌿 विशेष महत्व और उपसंहार

हनुमान जी के इन 11 स्वरूपों की पूजा करने से भक्त को सांसारिक जीवन की सभी समस्याओं का समाधान मिलता है। सावन मास, मंगलवार और शनिवार को सिंदूर और चमेली के तेल से हनुमान जी का अभिषेक करने से वे तुरंत प्रसन्न होते हैं।
चौपाई:
सावन में सिंदूर से, हनुमत का अभिषेक।
प्रेम भाव से जो करे, पाये बुद्धि विवेक।।

इस प्रकार 11 मुखी हनुमान जी की आराधना करने से भक्त को शक्ति, साहस, धन, ज्ञान, भक्ति और सेवा भाव सब कुछ प्राप्त होता है।

🚩🌺 जय श्रीराम – जय बजरंगबली 🌺🚩


 FAQs – 11 मुखी हनुमान जी पूजा और लाभ

❓1. 11 मुखी हनुमान जी कौन हैं?

👉 11 मुखी हनुमान जी भगवान हनुमान के विशेष स्वरूप हैं। इनमें 11 मुख (रूप) होते हैं और प्रत्येक स्वरूप की पूजा से भक्त को अलग-अलग लाभ प्राप्त होते हैं।


❓2. 11 मुखी हनुमान जी की पूजा कब करनी चाहिए?

👉 मंगलवार और शनिवार के दिन इनकी पूजा सबसे शुभ मानी जाती है। सावन मास और हनुमान जयंती पर 11 मुखी हनुमान जी की आराधना का विशेष महत्व होता है।


❓3. 11 मुखी हनुमान जी की पूजा से क्या लाभ होते हैं?

👉 इस पूजा से शत्रु नाश, भय मुक्ति, धन-समृद्धि, ज्ञान, स्वास्थ्य, साहस और भक्ति की प्राप्ति होती है।


❓4. 11 मुखी हनुमान जी का कौन-सा स्वरूप धन और समृद्धि देता है?

👉 उत्तरमुखी हनुमान जी (वराह स्वरूप) की पूजा करने से धन, ऐश्वर्य, प्रतिष्ठा और लंबी आयु प्राप्त होती है।


❓5. शत्रु नाश के लिए हनुमान जी का कौन-सा स्वरूप पूजें?

👉 पूर्वमुखी हनुमान जी (वानर स्वरूप) और दक्षिणमुखी हनुमान जी (नृसिंह स्वरूप) शत्रु नाश और भय मुक्ति के लिए पूजे जाते हैं।


❓6. पंचमुखी हनुमान जी की पूजा क्यों की जाती है?

👉 पंचमुखी हनुमान जी की पूजा सर्वांगीण सुरक्षा के लिए की जाती है। यह स्वरूप अहिरावण से राम-लक्ष्मण की रक्षा का प्रतीक है।


❓7. 11 मुखी हनुमान जी की पूजा कैसे करनी चाहिए?

👉 सुबह स्नान करके लाल वस्त्र पहनें, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करें। सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करना विशेष फलदायी होता है।


❓8. क्या 11 मुखी हनुमान जी की पूजा सभी मनोकामनाएँ पूरी कर सकती है?

👉 हाँ, मान्यता है कि 11 मुखी हनुमान जी की पूजा से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होती है।



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