पतिव्रता गान्धारी की कथा – Pativrata Gandhari Story in Mahabharata
"पतिव्रता गान्धारी का जीवन आदर्श और प्रेरणा है। जानिए महाभारत में गान्धारी की कथा, उनके धर्म, नीति और पति-भक्ति के अनुपम उदाहरण।"
पतिव्रता गान्धारी का जीवन चरित्र
1. गान्धारी का जन्म और परिवार
गान्धारी का जन्म गन्धर्वराज सुबल के घर हुआ था। वे शकुनि की बहन थीं। कौमार्य अवस्था में ही उन्होंने भगवान शंकर की घोर आराधना की और उनसे सौ पुत्रों का वरदान प्राप्त किया।
2. धृतराष्ट्र से विवाह और नेत्रपट्टी का संकल्प
3. ससुराल में आचरण और धर्मनिष्ठा
गान्धारी ने ससुराल में आते ही अपने श्रेष्ठ आचरण से पति और परिवार को प्रभावित किया। वे केवल पतिव्रता ही नहीं, बल्कि न्यायप्रिय और निर्भीक भी थीं।
4. द्रौपदी का अपमान और गान्धारी का विरोध
5. द्यूत क्रीड़ा का विरोध
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पतिव्रता गान्धारी की कथा – Pativrata Gandhari Story in Mahabharata |
6. भगवान श्रीकृष्ण को मान्यता और दुर्योधन को उपदेश
- कृष्ण और अर्जुन को कोई नहीं जीत सकता।
- पाण्डवों को उनका न्यायोचित भाग देकर संधि करो।
- युद्ध में दोनों पक्षों का विनाश होगा।
परंतु दुर्योधन ने उनकी एक भी बात नहीं मानी।
7. महाभारत युद्ध का परिणाम और गान्धारी का शाप
8. वनगमन और देहत्याग
9. गान्धारी का आदर्श
गान्धारी भारतीय संस्कृति में पतिव्रता नारी का अनुपम उदाहरण हैं।
- उन्होंने पति के प्रति समर्पण दिखाया।
- धर्म और नीति का पालन किया।
- पुत्रमोह में भी न्याय को सर्वोपरि रखा।
उनका चरित्र स्त्रियों के लिए धैर्य, समर्पण और धर्मपालन की अद्वितीय प्रेरणा है।
निष्कर्ष
गान्धारी का जीवन हमें यह शिक्षा देता है कि सच्ची शक्ति त्याग और धर्म में है। उन्होंने पतिके प्रति समर्पण, धर्मनिष्ठा और न्यायप्रियता का जो आदर्श प्रस्तुत किया, वह युगों-युगों तक अमर रहेगा।
✅ FAQs – Gandhari in Mahabharata
❓1. गान्धारी कौन थीं?
👉 गान्धारी, गन्धर्वराज सुबल की पुत्री और शकुनि की बहन थीं। इनका विवाह धृतराष्ट्र से हुआ था।
❓2. गान्धारी को पतिव्रता क्यों कहा जाता है?
👉 विवाह के बाद गान्धारी ने अपने पति की तरह नेत्रों पर पट्टी बाँध ली और आजीवन अंधत्व का पालन किया।
❓3. गान्धारी ने दुर्योधन को क्या समझाया था?
👉 उन्होंने दुर्योधन को श्रीकृष्ण और पाण्डवों से संधि करने की सलाह दी, लेकिन दुर्योधन ने उनकी बात नहीं मानी।
❓4. गान्धारी ने किसे शाप दिया था?
👉 कुरुक्षेत्र युद्ध में अपने सौ पुत्रों की मृत्यु के बाद गान्धारी ने भगवान श्रीकृष्ण को शाप दिया, जिससे यदुवंश का नाश हुआ।
❓5. गान्धारी का अंत कैसे हुआ?
👉 महाभारत युद्ध के बाद गान्धारी अपने पति धृतराष्ट्र के साथ वन में चली गईं और दोनों ने दावाग्नि में देह त्याग दिया।