आज की GST खबर : बड़े बदलाव, उद्योग और उपभोक्ताओं पर प्रभाव

Sooraj Krishna Shastri
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📰 4 सितंबर 2025 | GST सुधारों पर विस्तृत समाचार रिपोर्ट


🔶 आज की GST खबर : बड़े बदलाव, उद्योग और उपभोक्ताओं पर प्रभाव

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक में आज ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। कर ढांचे में बड़े बदलाव किए गए हैं जिनका सीधा असर आम उपभोक्ता, उद्योग जगत और राज्यों की वित्तीय स्थिति पर पड़ने वाला है।


1️⃣ GST स्लैब में ऐतिहासिक बदलाव

  • मौजूदा 4-स्तरीय प्रणाली (5%, 12%, 18%, 28%) को सरल कर 2 मुख्य स्लैब (5% और 18%) में बदल दिया गया।
  • साथ ही एक नया 40% का "पाप/लक्जरी स्लैब" जोड़ा गया है।
  • इससे प्रणाली अधिक पारदर्शी हुई है और भ्रम की स्थिति काफी हद तक समाप्त होगी।

2️⃣ उपभोक्ताओं और उद्योग जगत के लिए राहत

  • रोज़मर्रा की वस्तुएँ : पैकेज्ड फ़ूड, साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, डेयरी उत्पाद — अब केवल 5% GST
  • बीमा क्षेत्र : जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर GST पूरी तरह हटा (Nil tax)।
  • उपकरण व वाहन : छोटे कार, AC, टीवी, ईवी और कृषि उपकरण — अब 18% GST (पहले 28%)।

👉 इससे आम उपभोक्ता को सीधे तौर पर राहत मिलेगी और बाजार में खपत बढ़ेगी।

आज की GST खबर : बड़े बदलाव, उद्योग और उपभोक्ताओं पर प्रभाव
आज की GST खबर : बड़े बदलाव, उद्योग और उपभोक्ताओं पर प्रभाव



3️⃣ ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर असर

  • छोटे कार और दोपहिया वाहनों की कीमतों में 12–12.5% तक गिरावट का अनुमान।
  • वाहनों को लंबाई और इंजन क्षमता के आधार पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत कर टैक्स तय होगा।
  • ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) और कृषि उपकरण सस्ते होंगे, जिससे हरित तकनीक को प्रोत्साहन मिलेगा।

4️⃣ शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था की प्रतिक्रिया

  • निफ्टी फ्यूचर्स और सेंसेक्स में सुधार, लगभग 1% उछाल दर्ज हुआ।
  • FMCG (HUL, Nestle), ऑटो (Maruti, Tata Motors), इलेक्ट्रॉनिक्स (Sony, LG) और बीमा कंपनियों के शेयर में तेजी।
  • Citi और SBI रिसर्च के अनुसार —
    • GDP में 1.6% तक उपभोक्ता खर्च बढ़ने की संभावना।
    • महंगाई (Inflation) 1.1% तक घट सकती है।

5️⃣ सरकारी राजस्व और राज्यों पर असर

  • केंद्र सरकार को अनुमानतः ₹480 अरब (≈ $5.5 बिलियन) का राजस्व नुकसान होगा।
  • यह नुकसान पूर्वानुमानित घाटे (₹1.8 ट्रिलियन) से कम है, लेकिन राज्यों के लिए क्षतिपूर्ति संतुलन चुनौतीपूर्ण रहेगा।
  • जिन राज्यों की आय लक्जरी और पाप उत्पादों पर निर्भर है, उन्हें अधिक असर झेलना पड़ सकता है।

6️⃣ कौन लाभान्वित और कौन प्रभावित?

लाभार्थी

  • FMCG कंपनियाँ — HUL, Nestle, ITC
  • ऑटो उद्योग — Maruti, Tata Motors, Hero
  • इलेक्ट्रॉनिक्स — LG, Sony
  • बीमा क्षेत्र
  • कृषि उपकरण और ई-व्हीकल निर्माता

प्रभावित

  • लक्जरी कार और उच्च श्रेणी वस्त्र (₹2500 से ऊपर)
  • पाप उत्पाद (कोयला, तंबाकू, शराब आदि) — अब 40% GST
  • बीमा कंपनियाँ (ITC लाभ न मिलने से आंतरिक लागत बढ़ेगी)

7️⃣ लंबी अवधि की चुनौतियाँ और संभावनाएँ

  • उपभोक्ता व्यवहार : क्या यह केवल उत्सव-कालीन खर्च बढ़ाएगा या दीर्घकालिक खपत में स्थायित्व लाएगा?
  • राज्यों का संतुलन : पाप/लक्जरी स्लैब से मिले राजस्व पर निर्भरता अधिक होगी।
  • उद्योगों की रणनीति : इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर और नकदी प्रवाह प्रबंधन नई चुनौतियाँ देंगे।
  • आर्थिक स्थायित्व : मध्यम अवधि में रोजगार और निवेश बढ़ सकते हैं, पर दीर्घकाल में राज्यों-केंद्र के बीच राजस्व साझा करने पर टकराव की आशंका।

📊 सारांश तालिका : GST सुधार 2025

विशेषता विवरण
नए GST स्लैब 5%, 18%, 40% (पाप/लक्जरी) — 12% और 28% हटे
लाभार्थी वस्तुएँ दैनिक उपभोग सामग्री, बीमा, छोटे वाहन, ईवी, कृषि उपकरण
लाभार्थी उद्योग FMCG, ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स, बीमा, कृषि
नुकसान लक्जरी वाहन, तंबाकू, शराब, महंगे वस्त्र
अर्थव्यवस्था पर असर महंगाई -1.1%, GDP में वृद्धि 1.6%, राजस्व नुकसान ₹480 अरब
मुख्य चुनौतियाँ ITC संतुलन, राज्यों का राजस्व संकट, उपभोक्ता खर्च की स्थायित्व

👉 कुल मिलाकर, GST सुधार 2025 को “उपभोक्ता-केंद्रित और विकास-प्रेरित कदम” माना जा रहा है। लेकिन आने वाले महीनों में यह देखना अहम होगा कि राजस्व संतुलन, राज्यों की मांगें और उपभोक्ता व्यवहार किस प्रकार इस सुधार की सफलता तय करते हैं।

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