हनुमानजी का चिपाड़ नाथ धाम | Mandla Hanuman Mandir Chamatkarik Murti
🚩 हनुमानजी का चिपाड़ नाथ धाम – मंडला (मध्यप्रदेश)
✨ पवनपुत्र की अनंत महिमा
भारत भूमि में महावीर हनुमान जी की उपासना का व्यापक प्रभाव है।
लोकश्रुति है –
“संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरे हनुमत बलबीरा।”
इसी आस्था का दिव्य प्रमाण है मंडला जिले का चिपाड़ नाथ धाम, जहां भक्तों की भीड़ वर्षभर उमड़ती रहती है।
🙏 श्रद्धा और आस्था का केंद्र
- यह धाम निवास तहसील के अंतर्गत बंदरिया गांव में स्थित है।
- यहां विराजमान हनुमानजी की प्रतिमा भक्तों के लिए आस्था और विश्वास का अद्वितीय प्रतीक है।
- दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचकर अपनी मनोकामनाएँ लेकर पूजा-अर्चना करते हैं।
🌺 प्रतिमा का अद्भुत चमत्कार
इस मंदिर की सबसे विशेष बात है कि यहां स्थापित प्रतिमा समय के साथ स्वयं बढ़ रही है।
- प्रारम्भिक अवस्था : केवल ३ फीट ऊँची।
- वर्तमान अवस्था : लगभग ७ फीट ऊँचाई प्राप्त।
- भविष्य को देखते हुए मंदिर का भव्य पुनर्निर्माण कराया जा रहा है।
यह घटना भक्तों के लिए किसी जीवंत चमत्कार से कम नहीं।
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हनुमानजी का चिपाड़ नाथ धाम | Mandla Hanuman Mandir Chamatkarik Murti |
🏛 ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व
- स्थानीय जनश्रुतियों के अनुसार प्रतिमा ८वीं से १२वीं शताब्दी की मानी जाती है।
- मंदिर से जुड़ी कई दिव्य घटनाएँ ग्रामीणों द्वारा सुनाई जाती हैं।
- एक बार प्रतिमा चोरी का प्रयास भी हुआ, किंतु चोर असफल रहे।
यह भी हनुमानजी की अदृश्य रक्षा शक्ति का प्रमाण माना जाता है।
🌊 गौर नदी का उद्गम स्थल
- बंदरिया गांव से ही गौर नदी का उद्गम होता है।
- यह स्थल भक्तों के लिए अतिरिक्त पवित्रता और महत्व रखता है।
- गौर नदी पर निर्मित डेम इस क्षेत्र को और भी विशेष बनाता है।
🌸 जनश्रुतियाँ और चमत्कार
- यहां आने वाले भक्त अनुभव करते हैं कि सच्चे मन से मांगी गई इच्छा पूरी होती है।
- वृद्धजन बताते हैं कि प्रतिमा के समक्ष खड़े होते ही मन में अपार शांति और ऊर्जा का संचार होता है।
- अनगिनत भक्त इस धाम को अपने जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति का स्थल मानते हैं।
🚗 कैसे पहुंचे?
- मंडला जिला मुख्यालय से दूरी : लगभग ५०–६० किमी
- निवास तहसील से दूरी : मात्र १२–१४ किमी
- जबलपुर से भी यह स्थल आसानी से पहुंचा जा सकता है।
🌼 निष्कर्ष
“चिपाड़ नाथ धाम” केवल एक प्राचीन मंदिर नहीं, बल्कि यह है –
- भक्ति का केंद्र
- चमत्कार का जीवंत प्रमाण
- श्रद्धालुओं की आस्था का आधार
यहां की बढ़ती प्रतिमा, गौर नदी का उद्गम, और भक्तों की पूरी होती मनोकामनाएँ – सब मिलकर इसे मध्यप्रदेश का एक अद्वितीय हनुमान धाम बनाती हैं।
“जहाँ-जहाँ चरण पड़े हनुमान के, वहाँ-वहाँ संकट मिटे और सुख-शांति फले।”