Hinglaj Mata Mandir (नानी मंदिर) – पहला शक्तिपीठ और रहस्यमयी आस्था स्थल

Sooraj Krishna Shastri
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Hinglaj Mata Mandir (नानी मंदिर) – पहला शक्तिपीठ और रहस्यमयी आस्था स्थल

हिंगलाज माता मंदिर (नानी मंदिर) पाकिस्तान के लसबेला जिले में स्थित पहला शक्तिपीठ है। जानें इसका इतिहास, महत्व, नवरात्रि उत्सव और रहस्य।

हिंगलाज मंदिर (नानी मंदिर) – धरती पर माता का पहला स्थान

स्थान और प्राकृतिक दृश्य

  • हिंगलाज मंदिर पाकिस्तान के लसबेला जिले में स्थित है।

  • यह अरब सागर से निकलते 150 किमी तक फैले रेगिस्तान के बीच है।

  • बगल में 1000 फीट ऊँचे रेतीले पहाड़ और उनके बीच से बहती एक नदी।

  • बाईं ओर दुनिया का सबसे विशाल मड ज्वालामुखी

  • जंगलों के बीच दूर-दूर तक पसरा सन्नाटा, और इस सन्नाटे में भक्तों की पुकार: "जय माता दी"

यात्रा हिंगलाज की अमरनाथ यात्रा से भी कठिन मानी जाती है।


इतिहास और पौराणिक महत्व

  • यह मंदिर लगभग 2 लाख साल पुराना माना जाता है।

  • हिंगलाज मंदिर में आने से पिछले जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं

  • यहाँ नवरात्रि के दौरान गरबा, कन्या भोज और हवन-पूजा आयोजित होती है।

  • यह मंदिर भारत और पाकिस्तान के भक्तों के लिए समान रूप से आस्था का केंद्र है।

Hinglaj Mata Mandir (नानी मंदिर) – पहला शक्तिपीठ और रहस्यमयी आस्था स्थल
Hinglaj Mata Mandir (नानी मंदिर) – पहला शक्तिपीठ और रहस्यमयी आस्था स्थल


शक्तिपीठ और सती कथा

  • हिंदू पुराणों के अनुसार, सती के पिता राजा दक्ष अपनी बेटी के विवाह से खुश नहीं थे।

  • क्रोधित राजा ने सती का अपमान किया। दुखी सती ने हवनकुंड में स्वयं को प्रज्वलित कर दिया

  • शंकरजी के क्रोध से दक्ष का वध हुआ।

  • शंकरजी ने सती के शव को कंधे पर उठाकर तांडव किया

  • भगवान विष्णु ने चक्र से सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए।

  • ये टुकड़े जहाँ गिरे, उन स्थानों को शक्तिपीठ कहा गया।

सती का सिर का टुकड़ा गिरा किर्थर पहाड़ी पर, जिसे आज हिंगलाज के नाम से जाना जाता है। इसी कारण हिंगलाज को धरती पर माता का पहला स्थान माना जाता है।


नवरात्रि और उत्सव

  • नवरात्रि में हिंगलाज मंदिर में 3 किमी तक मेला लगता है

  • भक्त गरबा नृत्य करते हैं, पूजा-हवन होता है, कन्याओं को भोजन कराया जाता है

  • यहाँ माता के भजन दूर-दूर तक गूँजते हैं।

  • नवरात्रि में होने वाले आयोजन से भक्तों को साल भर के खर्च के बराबर लाभ होता है।


भक्त और विविधता

  • यहाँ रोज़ाना 10,000–25,000 भक्त दर्शन करने आते हैं।

  • अमेरिका, ब्रिटेन, बांग्लादेश और पाकिस्तान के आस-पास के देश प्रमुख हैं।

  • मुस्लिम समुदाय इसे 'नानी बीबी की हज' या पीरगाह के रूप में मानता है।

  • मुस्लिम भाई भी पूजा में साथ खड़े रहते हैं। पुजारी-सेवक में कई मुस्लिम लोग टोपी पहने दिखाई देते हैं।


आध्यात्मिक महत्व

  1. हिंगलाज मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है।

  2. यह स्थल भक्ति और तपस्या का सर्वोच्च केंद्र माना जाता है।

  3. यहाँ आने से पाप नष्ट होते हैं और भक्तों को जीवन में संपत्ति, स्वास्थ्य और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।

  4. नवरात्रि के दौरान हिंगलाज की यात्रा आध्यात्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।


सारांश

  • स्थान: पाकिस्तान, लसबेला, रेगिस्तान और पहाड़ों के बीच।

  • विशेषता: पहला शक्तिपीठ जहाँ सती का सिर गिरा।

  • उत्सव: नवरात्रि में मेले, गरबा, कन्या भोज, हवन और भजन।

  • भक्त: हिंदू और मुस्लिम दोनों श्रद्धालु।

  • महत्व: पाप नाश, आशीर्वाद, वर्ष भर की खुशहाली।


Hinglaj Mata Mandir (नानी मंदिर) – FAQs

1. हिंगलाज माता मंदिर कहाँ स्थित है?

हिंगलाज माता मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य के लसबेला जिले में, रेगिस्तान और किर्थर पहाड़ियों के बीच स्थित है।

2. हिंगलाज मंदिर को नानी मंदिर क्यों कहा जाता है?

स्थानीय मुस्लिम समुदाय माता को “नानी बीबी” मानता है, इसलिए इसे “नानी मंदिर” भी कहा जाता है।

3. हिंगलाज माता मंदिर का पौराणिक महत्व क्या है?

यह 51 शक्तिपीठों में से पहला है, जहाँ देवी सती का सिर गिरा था। इसलिए इसे धरती पर माता का पहला स्थान माना जाता है।

4. हिंगलाज मंदिर कितने साल पुराना है?

मान्यता है कि यह मंदिर लगभग 2 लाख साल पुराना है।

5. क्या मुस्लिम भी हिंगलाज मंदिर में आते हैं?

हाँ, यहाँ हिंदू और मुस्लिम दोनों श्रद्धालु आते हैं। मुस्लिम समुदाय इसे “नानी बीबी की हज” मानता है।

6. हिंगलाज यात्रा को कठिन क्यों माना जाता है?

यह मंदिर 150 किमी लंबे रेगिस्तान और ऊँचे पहाड़ों के बीच स्थित है। पैदल यात्रा अमरनाथ से भी कठिन मानी जाती है।

7. हिंगलाज माता मंदिर में कब मेला लगता है?

नवरात्रि के समय यहाँ 3 किलोमीटर तक विशाल मेला लगता है, जिसमें हवन, भजन, कन्या भोज और गरबा होते हैं।

8. हिंगलाज माता मंदिर जाने से क्या लाभ होता है?

मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से पाप नष्ट होते हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

9. हिंगलाज मंदिर कैसे पहुँचा जा सकता है?

यह मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है। भारत से श्रद्धालु विशेष धार्मिक यात्राओं और आयोजनों के माध्यम से पहुँचते हैं।

10. हिंगलाज माता मंदिर से जुड़ा सबसे बड़ा रहस्य क्या है?

यहाँ के पास दुनिया का सबसे बड़ा मड ज्वालामुखी स्थित है, जिसे भक्त माता की शक्ति का प्रतीक मानते हैं।



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