Class 10 Sanskrit Manika Chapter 6: Rashtram Sanrakshyameva Hi Solutions
षष्ठः पाठः - राष्ट्रं संरक्ष्यमेव हि (अभ्यास-कार्यम्)
1. एकपदेन उत्तरत (एक शब्द में उत्तर दीजिये)
| प्रश्नः (क-छ) | प्रश्न | उत्तरम् |
| (क) | द्रौपद्याः पुत्राः केन हताः? | द्रौणिना / द्रोणपुत्रेण |
| (ख) | वारणावते पाण्डवान् कः अरक्षत्? | भीमः |
| (ग) | नकुलः कस्य सारथिः अभवत्? | भीमस्य |
| (घ) | आपद्गतेन अपि ब्रह्मास्त्रं केषु न प्रयोक्तव्यम्? | मानुषेषु |
| (ङ) | अश्वत्थामा श्रीकृष्णं किम् अयाचत? | चक्रम् |
| (च) | आकाशात् काः पतन्ति स्म? | उल्काः |
| (छ) | कः न भासते स्म? | सहस्रांशुः |
2. पूर्णवाक्येन उत्तरत (पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिये)
(स्पष्टता के लिए यहाँ सूची का प्रयोग किया गया है)
(क) द्रोणाचार्यः प्रीतः भूत्वा कं ब्रह्मास्त्रम् अशिक्षयत्?
उत्तर: द्रोणाचार्यः प्रीतः भूत्वा अर्जुनम् ब्रह्मास्त्रम् अशिक्षयत्।
(ख) अश्वत्थामा केषां विनाशाय ब्रह्मास्त्रं मोचयति?
उत्तर: अश्वत्थामा पाण्डवानाम् विनाशाय ब्रह्मास्त्रं मोचयति।
(ग) भीमसेनः नकुलेन सह कम् अनुगच्छति?
उत्तर: भीमसेनः नकुलेन सह द्रोणिं (द्रोणपुत्रं) अनुगच्छति।
(घ) द्रोणपुत्रः श्रीकृष्णात् किं वाञ्छति स्म?
उत्तर: द्रोणपुत्रः श्रीकृष्णात् सुदर्शनचक्रम् वाञ्छति स्म।
(ङ) ‘अस्त्रं संहरतम्’ इति कौ वदतः?
उत्तर: ’अस्त्रं संहरतम्’ इति व्यास-नारदौ वदतः।
(च) ब्रह्मास्त्रस्य निषेधेन के के संरक्ष्याः सन्ति?
उत्तर: ब्रह्मास्त्रस्य निषेधेन पाण्डवाः, द्रौणिः, राष्ट्रं च संरक्ष्याः सन्ति।
3. प्रश्ननिर्माणं कुरुत (प्रश्न निर्माण कीजिये)
| वाक्यम् | प्रश्ननिर्माणम् |
| (क) पापकर्मणा द्रौणिना मे पुत्राः हताः। | पापकर्मणा द्रौणिना कस्याः पुत्राः हताः? |
| (ख) अस्मिन् संसारे कश्चिदपि त्वया सदृशः नास्ति। | कुत्र कश्चिदपि त्वया सदृशः नास्ति? |
| (ग) न जानाति भवान् द्रौणेः चपलां प्रकृतिम्। | न जानाति भवान् कस्य चपलां प्रकृतिम्? |
| (घ) आचार्यः पुत्रं सावधानम् अकरोत्। | कः पुत्रं सावधानम् अकरोत्? |
| (ङ) प्रचण्डज्वालः अग्निः परितः प्रसरति। | कीदृशः अग्निः परितः प्रसरति? |
| (च) गगनात् सहस्रशः उल्काः भूमौ पतन्ति। | गगनात् सहस्रशः काः भूमौ पतन्ति? |
4. यथानिर्देशम् उत्तरत (निर्देशानुसार उत्तर दीजिये)
| प्रश्न | अपेक्षितम् (क्या पूछा गया है) | उत्तरम् |
| (क) ‘युधिष्ठिरः, भीमः द्रौपदी च रणभूमौ प्रविशन्ति।’ | क्रियापदं किम्? | प्रविशन्ति |
| (ख) ‘वीरजननी त्वं शोचितुं न अर्हसि।’ | कर्तृपदम् किम्? | त्वम् |
| (ग) ‘आचार्येण कीदृशः अनर्थः कृतः?’ | विशेष्यपदं किम्? | अनर्थः |
| (घ) ‘गगनात् सहस्रशः उल्काः भूमौ पतन्ति।’ | ‘धरायाम्’ इत्यर्थे प्रयुक्तं पदम्? | भूमौ |
| (ङ) ‘सकलं जगद् ध्वस्तं भविष्यति।’ | विशेषणपदं किम्? | सकलं |
| (च) ‘अस्त्रशिक्षाप्रदानात् पूर्वम् आचार्यः...।’ | ‘पश्चात्’ पदस्य विलोमपदम्? | पूर्वम् |
5. विशेषण-विशेष्य मेलनम् (मिलान कीजिये)
| (क-च) | विशेषणपदम् | विशेष्यपदम् (सही उत्तर) |
| (क) | सव्येन | पाणिना |
| (ख) | पापकर्मणा | द्रौणिना |
| (ग) | देवदानवपूजितम् | चक्रम् |
| (घ) | सकला | मही |
| (ङ) | सहस्रशः | उल्काः |
| (च) | विषमे | समये |
6. भिन्नपदं चिनुत (Odd One Out)
| क्रम | शब्दसमूहः | भिन्नपदम् (उत्तर) |
| (क) | सहस्त्रांशुः, हिमांशुः, दिनकरः, भानुः | हिमांशुः (अन्य सभी सूर्य के नाम हैं) |
| (ख) | वृक्षाः, द्रुमाः, महीधराः, महीरुहाः | महीधराः (यह पर्वत का पर्यायवाची है) |
| (ग) | पवनः, अनिलः, अनलः, वायुः | अनलः (यह अग्नि का पर्यायवाची है) |
| (घ) | शैलाः, भूधराः, खेचराः, पर्वताः | खेचराः (यह पक्षी/देवता का पर्यायवाची है) |
| (ङ) | नरः, मनुष्यः, पन्नगः, मानवः | पन्नगः (यह सर्प का पर्यायवाची है) |
7. अन्वय-पूर्तिः (रिक्त स्थानों की पूर्ति)
कोष्ठक में दिए गए शब्द रिक्त स्थानों के सही उत्तर हैं:
(क) तात! परम-आपद्गतेन (अपि) त्वया रणे इदम् (अस्त्रम्) विशेषतः (मानुषेषु) न एव (प्रयोक्तव्यं)।
(ख) नाना (शस्त्रविदः) ये अपि पूर्वे महारथाः (अतीताः) तैः (एतद्) अस्त्रम् (मनुष्येषु) न कथञ्चन प्रयुक्तम्।
(ग) (पाण्डवाः) त्वम् च राष्ट्रम् च (सदा) संरक्ष्यम् एव हि, (महाभुज्)! तस्मात् त्वम् (एतद्) दिव्यम् अस्त्रम् संहर।
8. घटनाक्रमानुसारं लेखनम् (सही क्रम)
| क्रम | घटना |
| 1. | द्रौणिना द्रौपद्याः भ्रातरः पुत्राः च हताः। |
| 2. | द्रौपदी द्रौणपुत्रं दण्डयितुं कथयति। |
| 3. | युधिष्ठिरः भीमं नकुलेन सह द्रौणिम् अनुगन्तुं कथयति। |
| 4. | श्रीकृष्णः युधिष्ठिरार्जुनाभ्यां सह युद्धक्षेत्रं गच्छति। |
| 5. | इदं दृष्ट्वा अश्वत्थामा ब्रह्मास्त्रं मुञ्चति। |
| 6. | द्रोणपुत्रं दृष्ट्वा अर्जुनः ब्रह्मास्त्रं मुञ्चति। |
| 7. | एतम् अनर्थं दृष्ट्वा नारदव्यासौ तत्रागच्छतः। |
| 8. | तौ विश्वस्य संरक्षणार्थं दिव्यम् अस्त्रं संहर्तुम् कथयतः। |
9. उचितम् अर्थचयनम् (शब्दार्थ/पर्याय)
| पदम्/वाक्यम् | विकल्पः | सही उत्तर |
| (क) घोरम् | (ii) भयङ्करम् | भयङ्करम् |
| (ख) समीचीनं | (iii) उचितम् | उचितम् |
| (ग) स्तब्धः | (ii) स्थगितः | स्थगितः |
| (घ) सकलं | (i) समस्तम् | समस्तम् |
| (ङ) समाः | (ii) वर्षाणि | वर्षाणि |
| (च) पर्जन्यः | (iii) मेघः | मेघः |
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Rashtram Sanrakshyameva Hi Question Answer
Manika Bhag 2 Chapter 6 Solutions
राष्ट्रं संरक्ष्यमेव हि अभ्यास कार्य
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