NCERT Class 9 Sanskrit Chapter 11 पर्यावरणम् (Environment) Solutions प्रस्तुत सामग्री छात्रों के लिए आसान, स्पष्ट और परीक्षा उपयोगी रूप में तैयार की गई है। यह पाठ Shemushi भाग 1 (शेमुषी Part 1) का एक महत्त्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें पर्यावरण की संरचना, प्रकृति के तत्वों, मानव-प्रकृति संबंध और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित उपदेश सम्मिलित हैं। इस पेज पर आपको एकपदेन उत्तर, पूर्णवाक्येन उत्तर, प्रश्न-निर्माण अभ्यास, समास (तत्पुरुष, नञ्-तत्पुरुष), क्तिन् प्रत्यय, वचन-परिवर्तन, तथा द्वन्द्व समास के विग्रह तालिकाओं सहित अत्यंत व्यवस्थित रूप में उपलब्ध हैं। सभी उत्तर बिल्कुल शुद्ध संस्कृत भाषा में दिए गए हैं, जिससे विद्यार्थी को NCERT आधारित परीक्षा में संपूर्ण तैयारी मिलती है।
इस पेज का उद्देश्य छात्रों तथा शिक्षकों दोनों के लिए उपयोगी सामग्री उपलब्ध कराना है, ताकि वे अभ्यास-प्रश्नों को मात्र पढ़ने ही नहीं, बल्कि समझने में भी सफल हो सकें। पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर संस्कृत साहित्य का दृष्टिकोण विद्यार्थियों को जीवन-मूल्यों की गहरी समझ प्रदान करता है। यहाँ प्रस्तुत व्यवस्थित समाधान आपके अध्ययन को सरल, सटीक और परीक्षा-केंद्रित बनाते हैं।
NCERT Class 9 Sanskrit – पर्यावरणम् Chapter 11 Solutions | Shemushi Part 1 Exercise Question Answers
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| NCERT Class 9 Sanskrit – पर्यावरणम् Chapter 11 Solutions | Shemushi Part 1 Exercise Question Answers |
📘 NCERT कक्षा 9 संस्कृत | एकादशः पाठः – पर्यावरणम्
🟦 अभ्यास-प्रश्नोत्तर
1. एकपदेन उत्तरत
| प्रश्न क्र. |
प्रश्न |
उत्तर |
| (क) |
मानवः कुत्र सुरक्षितः तिष्ठति? |
पर्यावरणकुक्षौ |
| (ख) |
सुरक्षितं पर्यावरणं कुत्र उपलभ्यते स्म? |
वने |
| (ग) |
आर्षवचनं किमस्ति? |
धर्मो रक्षति रक्षितः |
| (घ) |
पर्यावरणमपि कस्य अङ्गमिति ऋषयः प्रतिपादितवन्त:? |
धर्मस्य |
| (ङ) |
लोकरक्षा कया सम्भवति? |
प्रकृतिरक्षया |
| (च) |
अजातशिशुः कुत्र सुरक्षितः तिष्ठति? |
मातृगर्भे |
| (छ) |
प्रकृतिः केषां संरक्षणाय यतते? |
प्राणिनाम् |
2. पूर्णवाक्येन उत्तरत
| प्रश्न क्र. |
प्रश्न |
उत्तर |
| (क) |
प्रकृतेः प्रमुखतत्त्वानि कानि सन्ति? |
पृथ्वी, जलं, तेजः, वायुः, आकाशः च प्रकृतेः प्रमुखतत्त्वानि सन्ति। |
| (ख) |
स्वार्थान्धः मानवः किं करोति? |
स्वार्थान्धः मानवः पर्यावरणम् नाशयति। |
| (ग) |
पर्यावरणे विकृते जाते किं भवति? |
पर्यावरणे विकृते जाते विविधाः रोगाः भीषणसमस्याः च जायन्ते। |
| (घ) |
अस्माभिः पर्यावरणस्य रक्षा कथं करणीया? |
वृक्षारोपणम् कृत्वा, विषाक्तं जलं नद्याम् न पातयित्वा ध्वनिप्रदूषणं च न कृत्वा अस्माभिः पर्यावरणस्य रक्षा करणीया। |
| (ङ) |
लोकरक्षा कथं संभवति? |
प्रकृतिरक्षया एव लोकरक्षा संभवति। |
| (च) |
परिष्कृतं पर्यावरणम् अस्मभ्यं किं किं ददाति? |
परिष्कृतम् पर्यावरणम् अस्मभ्यं सांसारिक-जीवनसुखं, सद्विचारं, सत्यसङ्कल्पं, माङ्गलिकसामग्रीं च ददाति। |
3. प्रश्ननिर्माणं कुरुत
| क्र. |
साधारण वाक्य |
प्रश्न निर्माण |
| (क) |
वनवृक्षाः निर्विवेकं छिद्यन्ते। |
के निर्विवेकं छिद्यन्ते? |
| (ख) |
वृक्षकर्तनात् शुद्धवायुः न प्राप्यते। |
कस्मात् शुद्धवायुः न प्राप्यते? |
| (ग) |
प्रकृतिः जीवनसुखं प्रददाति। |
प्रकृतिः किम् प्रददाति? |
| (घ) |
अजातश्शिशुः मातृगर्भे सुरक्षितः तिष्ठति। |
अजातश्शिशुः कस्मिन्/कुत्र सुरक्षितः तिष्ठति? |
| (ङ) |
पर्यावरणरक्षणं धर्मस्य अङ्गम् अस्ति। |
पर्यावरणरक्षणं कस्य अङ्गम् अस्ति? |
4. पदरचनां कुरुत
(क) तत्पुरुष / उपपद समास
| क्र. |
विग्रह वाक्य |
समस्तपद |
| (यथा) |
जले चरन्ति इति |
जलचराः |
| 1. |
स्थले चरन्ति इति |
स्थलचराः |
| 2. |
निशायां चरन्ति इति |
निशाचराः |
| 3. |
व्योम्नि चरन्ति इति |
व्योमचराः |
| 4. |
गिरौ चरन्ति इति |
गिरिचराः |
| 5. |
भूमौ चरन्ति इति |
भूचराः |
(ख) नञ् तत्पुरुष समास
| क्र. |
विग्रह वाक्य |
समस्तपद |
| (यथा) |
न पेयम् इति |
अपेयम् |
| 1. |
न वृष्टि इति |
अनावृष्टि |
| 2. |
न सुखम् इति |
असुखम् |
| 3. |
न भावः इति |
अभावः |
| 4. |
न पूर्णः इति |
अपूर्णः |
5. प्रकृति-प्रत्यय संयोग (क्तिन् प्रत्यय)
| क्र. |
धातु + प्रत्यय |
पद (शब्द) |
| (यथा) |
वि + कृ + क्तिन् |
विकृतिः |
| (क) |
प्र + गम् + क्तिन् |
प्रगति: |
| (ख) |
दृश् + क्तिन् |
दृष्टि: |
| (ग) |
गम् + क्तिन् |
गति: |
| (घ) |
मन् + क्तिन् |
मतिः |
| (ङ) |
शम् + क्तिन् |
शान्तिः |
| (च) |
भी + क्तिन् |
भीतिः |
| (छ) |
जन् + क्तिन् |
जातिः |
| (ज) |
भज् + क्तिन् |
भक्तिः |
| (झ) |
नी + क्तिन् |
नीतिः |
6. निर्देशानुसारं परिवर्तनं कुरुत
| क्र. |
मूल वाक्य |
निर्देश |
परिवर्तित वाक्य |
| (क) |
सन्तप्तस्य मानवस्य मङ्गलं कुतः? |
बहुवचने |
सन्तप्तानां मानवानां मङ्गलं कुतः? |
| (ख) |
मानवाः पर्यावरणकुक्षौ सुरक्षिताः भवन्ति। |
एकवचने |
मानवः पर्यावरणकुक्षौ सुरक्षितः भवति। |
| (ग) |
वनवृक्षाः निर्विवेकं छिद्यन्ते। |
एकवचने |
वनवृक्षः निर्विवेकम् छिद्यते। |
| (घ) |
गिरिनिर्झराः निर्मलं जलं प्रयच्छन्ति। |
द्विवचने |
गिरिनिर्झरौ निर्मलं जलं प्रयच्छतः। |
| (ङ) |
सरित् निर्मलं जलं प्रयच्छति। |
बहुवचने |
सरितः निर्मलं जलं प्रयच्छन्ति। |
(अ) पर्यावरणरक्षणाय पञ्च वाक्यानि
| क्रम |
वाक्य |
| 1 |
अहम् पर्यावरणरक्षणाय कृतसंकल्पः अस्मि। |
| 2 |
एतदर्थं स्थाने स्थाने वृक्षाः रोपणीयाः। |
| 3 |
वृक्षकर्तनं रोद्धव्यम्। |
| 4 |
‘जलम् एव जीवनम्’ अतः जलसंरक्षणम् अपि कर्त्तव्यम्। |
| 5 |
पर्यावरणरक्षणाय जनजागरणम् अपि करणीयम्। |
7. उपसर्गान् पृथक्कृत्वा लिखत — तालिका
| क्र.सं. |
पदम् (शब्द) |
उपसर्गः (उत्तर) |
| (यथा) |
संरक्षणाय |
सम् |
| (i) |
प्रभवति |
प्र |
| (ii) |
उपलभ्यते |
उप |
| (iii) |
निवसन्ति |
नि |
| (iv) |
समुपहरन्ति |
सम् |
| (v) |
वितरन्ति |
वि |
| (vi) |
प्रयच्छन्ति |
प्र |
| (vii) |
उपगता |
उप |
| (viii) |
प्रतिभाति |
प्रति |
7. (अ) समस्तपदानां विग्रहं लिखत (द्वन्द्व समास)
| क्र. |
समस्तपद |
विग्रह |
| (यथा) |
तेजोवायुः |
तेजः वायुः च |
| (यथा) |
गिरिनिर्झराः |
गिरयः निर्झराः च |
| (i) |
पत्रपुष्पे |
पत्रम् च पुष्पम् च |
| (ii) |
लतावृक्षौ |
लता च वृक्षः च |
| (iii) |
पशुपक्षी |
पशुः च पक्षी च |
| (iv) |
कीटपतङ्गौ |
कीटः च पतङ्गः च |
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पर्यावरणम् संस्कृत प्रश्न उत्तर
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