NCERT Class 10 Sanskrit Shemushi Part-2 Chapter 3 “व्यायामः सर्वदा पथ्यः” के सभी अभ्यास प्रश्नों का सरल, स्पष्ट और सुव्यवस्थित समाधान यहाँ उपलब्ध है। इस पृष्ठ में एकपदेन उत्तरं, पूर्ण-वाक्य-उत्तर, तृतीया-विभक्ति रिक्तस्थान, स्थूलपदमाधृत प्रश्ननिर्माण, अव्यय-प्रयोग, वाच्य-परिवर्तन और तद्धित-प्रत्यय आधारित सभी प्रश्नों के सटीक उत्तर दिए गए हैं। छात्र इस अध्याय के माध्यम से व्यायाम के महत्व, स्वास्थ्य पर उसके प्रभाव, शक्ति और सहनशक्ति की भूमिका तथा जीवन में नियमित व्यायाम के लाभों को सरल संस्कृत भाषा में समझ सकते हैं। यह अध्याय संस्कृत व्याकरण, वाक्यरचना, विभक्ति-प्रयोग और शब्द-विश्लेषण के बेहतर अभ्यास के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
इस पेज पर दिए गए समाधान अध्याय की NCERT पाठ्यपुस्तक के अनुसार ही तैयार किए गए हैं, जिससे बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को विशेष लाभ मिलेगा। व्यायामः सर्वदा पथ्यः के प्रश्नोत्तर तालिकाओं तथा चरणबद्ध व्याख्या के साथ प्रस्तुत हैं, जिससे पढ़ना आसान और समझना सरल हो जाता है। यदि आप Class 10 Sanskrit chapter-wise solutions खोज रहे हैं, तो यह पृष्ठ आपके लिए सर्वश्रेष्ठ अध्ययन-सामग्री प्रदान करता है।
व्यायामः सर्वदा पथ्यः Chapter 3 – NCERT Class 10 Sanskrit Exercise Solutions | Vyayamaha Sarvada Pathyah Question Answers
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| व्यायामः सर्वदा पथ्यः Chapter 3 – NCERT Class 10 Sanskrit Exercise Solutions | Vyayamaha Sarvada Pathyah Question Answers |
व्यायामः सर्वदा पथ्यः
अभ्यासः
NCERT Class 10 – Sanskrit (Shemushi Part-2)
१. एकपदेन उत्तरं लिखत (One-word Answers)
| क्र. | प्रश्नः | उत्तरम् |
|---|---|---|
| (क) | परमम् आरोग्यं कस्मात् उपजायते? | व्यायामात् |
| (ख) | कस्य मांसं स्थिरीभवति? | व्यायामाभिरतस्य |
| (ग) | सदा कः पथ्यः? | व्यायामः |
| (घ) | कैः पुभिः सर्वेषु ऋतुषु व्यायामः कर्तव्यः? | आत्महितैषिभिः |
| (ङ) | व्यायामस्विन्नगात्रस्य समीपं के न उपसर्पन्ति? | व्याधयः |
२. पूर्णवाक्येन उत्तरे लिखत (Long Answers)
| क्र. | प्रश्नः | उत्तरम् |
|---|---|---|
| (क) | कीदृशं कर्म व्यायामसंज्ञितम् कथ्यते? | शरीरायासजननं कर्म व्यायामसज्ञितम् कथ्यते। |
| (ख) | व्यायामात् किम् किम् उपजायते? | व्यायामात् श्रमक्लमपिपासा ऊष्म-शीतादीनां सहिष्णुता परमम् आरोग्यं च उपजायते। |
| (ग) | जरा कस्य सकाशं सहसा न समधिरोहति? | जरा व्यायामिनस्य जनस्य सकाशं सहसा न समधिरोहति। |
| (घ) | कस्य विरुद्धमपि भोजनं परिपच्यते? | व्यायामं कुर्वतः जनस्य विरुद्धमपि भोजनं परिपच्यते। |
| (ङ) | कियता बलेन व्यायामः कर्तव्यः? | अर्धेन बलेन व्यायामः कर्तव्यः। |
| (च) | अर्धबलस्य लक्षणम् किम्? | व्यायामं कुर्वतः जन्तोः यदा हृदि स्थितः वायुः वक्त्रं प्रपद्यते तदैव अर्धबलस्य लक्षणम्। |
३. तृतीयाविभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानपूरणम्
| क्र. | वाक्यम् | उत्तरम् |
|---|---|---|
| (क) | व्यायामः ______ कर्त्तव्यः। (बलस्यार्धम्) | बलस्यार्धेन |
| (ख) | ______ सदृशं किञ्चित् स्थौल्यापकर्षणं नास्ति। (व्यायाम) | व्यायामेन |
| (ग) | ______ विना जीवनं नास्ति। (विद्या) | विद्यया |
| (घ) | सः ______ खञ्जः अस्ति। (चरण) | चरणेन |
| (ङ) | सूपकारः ______ भोजनं जिघ्रति। (नासिका) | नासिकया |
४. (अ) स्थूलपदमाधारिताः प्रश्ननिर्माणाः
| क्र. | उत्तर-वाक्यम् | प्रश्न-वाक्यम् |
|---|---|---|
| (क) | शरीरस्य आयासजननं कर्म व्यायामः इति कथ्यते। | कस्य आयासजननं कर्म व्यायामः इति कथ्यते? |
| (ख) | अरयः व्यायामिनं न अर्दयन्ति। | के व्यायामिनं न अर्दयन्ति? |
| (ग) | आत्महितैषिभिः सर्वदा व्यायामः कर्तव्यः। | कैः सर्वदा व्यायामः कर्तव्यः? |
| (घ) | व्यायामं कुर्वतः विरुद्धं भोजनम् अपि परिपच्यते। | व्यायामं कुर्वतः कीदृशं भोजनम् अपि परिपच्यते? |
| (ङ) | गात्राणां सुविभक्तता व्यायामेन संभवति। | केषाम् सुविभक्तता व्यायामेन संभवति? |
४. (आ) षष्ठ श्लोकस्य भावानुसारं वाक्यानि
- वैनतेयस्य समीपे उरगाः न गच्छन्ति।
- एवमेव व्यायामिनः जनस्य समीपं व्याधयः न गच्छन्ति।
- व्यायामः वयोः रूपे गुणहीनं अपि जनं सुदर्शनं करोति।
५. (अ) ‘व्यायामस्य लाभाः’ विषय पर संस्कृत अनुच्छेद (५ वाक्य)
- व्यायामः जनेभ्यः स्वास्थ्यं यच्छति।
- नित्यं व्यायामं कुर्वन्तः जनाः कदापि रोगिणः न भवन्ति।
- व्यायामेन खादितं भोजनं पूर्णरूपेण परिपच्यते।
- व्यायामः जनान् सुदर्शनान् करोति।
- जनैः यथाशक्ति एव व्यायामः करणीयः।
५. (आ) यथानिर्देशमुत्तरम् (व्याकरण कार्य)
| क्र. | प्रश्न | उत्तरम् |
|---|---|---|
| (क) | 'तत्कृत्वा तु सुखं देहम्' — विशेषणपदं किम्? | सुखं |
| (ख) | 'व्याधयो नोपसर्पन्ति...' — क्रियापदं किम्? | उपसर्पन्ति |
| (ग) | 'पुम्भिरात्महितैषिभिः' — ‘पुरुषैः’ इत्यर्थे किम्? | पुम्भिः |
| (घ) | 'गौरवम्' इति पदस्य विपरीतार्थकं पदम्? | लाघवम् |
| (ङ) | 'न चास्ति सदृशं तेन...' — 'तेन' सर्वनाम कस्मै प्रयुक्तम्? | व्यायामाय |
६. (अ) अव्ययानां प्रयोगः
| क्र. | वाक्यम् | अव्ययम् |
|---|---|---|
| (क) | ______ व्यायामः कर्त्तव्यः। | सर्वदा |
| (ख) | ______ मनुष्यः सम्यक् रूपेण व्यायामं करोति तदा सः ______ स्वस्थः तिष्ठति। | यदा, सदा |
| (ग) | व्यायामेन असुन्दराः ______ सुन्दराः भवन्ति। | अपि |
| (घ) | व्यायामिनः जनस्य सकाशं वार्धक्यं ______ नायाति। | सहसा |
| (ङ) | व्यायामेन ______ किञ्चित् स्थौल्यापकर्षणं नास्ति। | सदृशं |
| (च) | व्यायामं समीक्ष्य एवं कर्तव्यम् ______ व्याधयः आयान्ति। | अन्यथा |
६. (आ) वाच्यपरिवर्तनम्
| कर्तरि वाक्यम् | कर्मणि वाक्यम् |
|---|---|
| बलवान् विरुद्धमपि भोजनं पचति। | विरुद्धमपि भोजनं बलवता पच्यते। |
| जनाः व्यायामेन कान्तिं लभन्ते। | कान्तिः जनैः व्यायामेन लभ्यते। |
| मोहनः पाठं पठति। | पाठः मोहितेन पठ्यते। |
| लता गीतं गायति। | गीतं लतया गाय्यते। |
७. प्रकृति–प्रत्यय विभाग (तद्धित-प्रत्यय)
| क्र. | पदम् | प्रकृति + प्रत्यय |
|---|---|---|
| (क) | पथ्यतम | पथ्य + तमप् |
| (ख) | सहिष्णुता | सहिष्णु + तल् |
| (ग) | अग्नित्वम् | अग्नि + त्व |
| (घ) | स्थिरत्वम् | स्थिर + त्व |
| (ङ) | लाघवम् | लघु + ष्यञ् |
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