रुद्राक्ष धारण विधि

Sooraj Krishna Shastri
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रुद्राक्ष धारण विधि
रुद्राक्ष धारण विधि


 रुद्राक्ष धारण करना भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और इसके सही विधि से धारण करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:


1. रुद्राक्ष क्या है?

  • रुद्राक्ष एक प्राकृतिक बीज है जो Elaeocarpus ganitrus नामक वृक्ष से प्राप्त होता है।
  • यह भगवान शिव के अश्रुओं से उत्पन्न माना जाता है, इसलिए इसे अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना गया है।
  • रुद्राक्ष के दाने "मुख" (facets) से पहचाने जाते हैं। हर मुख अलग-अलग लाभ और आध्यात्मिक महत्व रखता है।

2. रुद्राक्ष के प्रकार और लाभ:

रुद्राक्ष 1 मुखी से लेकर 21 मुखी तक के होते हैं, लेकिन सामान्यतः 1 से 14 मुखी रुद्राक्ष ज्यादा प्रचलित हैं।

कुछ मुख्य रुद्राक्ष और उनके लाभ:

  1. एक मुखी रुद्राक्ष:

    • भगवान शिव का प्रतीक।
    • मन को शांति, ध्यान और आध्यात्मिक जागरूकता प्रदान करता है।
    • सभी प्रकार की समस्याओं को समाप्त करता है।
  2. पांच मुखी रुद्राक्ष:

    • सबसे आम और उपयोगी।
    • मानसिक शांति और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी।
    • इसे हर वर्ग के लोग पहन सकते हैं।
  3. सात मुखी रुद्राक्ष:

    • धन, संपत्ति और समृद्धि का प्रतीक।
    • जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
  4. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष:

    • भगवान हनुमान का आशीर्वाद।
    • साहस, शक्ति और सफलता प्रदान करता है।

3. रुद्राक्ष धारण करने की विस्तृत विधि:

(i) शुभ दिन और समय का चयन:

  • रुद्राक्ष को सोमवार, महाशिवरात्रि, या किसी शुभ मुहूर्त में धारण करना सबसे उत्तम है।
  • इसे सुबह स्नान करके सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के समय धारण करें।

(ii) रुद्राक्ष का शुद्धिकरण:

  • रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे शुद्ध करना अनिवार्य है।
    • एक कटोरे में गंगाजल लें। यदि गंगाजल उपलब्ध न हो तो स्वच्छ जल में तुलसी के पत्ते डाल लें।
    • उसमें रुद्राक्ष को कुछ समय के लिए भिगो दें।
    • इसे दूध और शहद से स्नान कराएं।
    • अंतिम बार इसे गंगाजल से धो लें।

(iii) मंत्रों का जाप:

शुद्धिकरण के बाद, रुद्राक्ष को भगवान शिव के समक्ष रखें और निम्न मंत्रों का जाप करें:

  1. "ॐ नमः शिवाय" – इसे 108 बार जपें।
  2. "ॐ ह्रीं नमः" – यह भी 108 बार जपें।
    यदि संभव हो तो रुद्राक्ष से संबंधित खास मंत्र का उच्चारण करें, जो आपके मुख वाले रुद्राक्ष से संबंधित है।

(iv) धारण विधि:

  1. रुद्राक्ष को काले धागे, लाल धागे या सोने/चांदी की चेन में पहनें।
  2. इसे हमेशा शरीर के संपर्क में रखें।
  3. इसे गले में माला के रूप में या दाहिने हाथ में कड़े के रूप में पहन सकते हैं।
  4. ध्यान रखें कि रुद्राक्ष टूटे या क्षतिग्रस्त न हो।

4. विशेष नियम और सावधानियां:

रुद्राक्ष धारण करते समय निम्न सावधानियों का पालन करें:

  1. आचरण और जीवनशैली:

    • रुद्राक्ष पहनने के बाद शुद्धता बनाए रखें।
    • मदिरा, मांसाहार, और अनैतिक कार्यों से बचें।
    • रोजाना कम से कम 5 मिनट ध्यान करें और "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।
  2. रुद्राक्ष की देखभाल:

    • इसे समय-समय पर गंगाजल से धोएं।
    • रुद्राक्ष को टूटने, गंदा होने या किसी अन्य क्षति से बचाएं।
    • इसे कभी-कभी धूप में रखकर ऊर्जा पुनः प्राप्त कराएं।
  3. क्या न करें:

    • रुद्राक्ष को अशुद्ध स्थानों (शौचालय, शवदाह गृह आदि) में न ले जाएं।
    • इसे किसी और को छूने या पहनने न दें।
    • टूटा हुआ या फटा हुआ रुद्राक्ष न पहनें।

5. धारण के बाद लाभ को बढ़ाने के उपाय:

  1. प्रतिदिन रुद्राक्ष को धारण करते हुए "ॐ नमः शिवाय" का 11 बार जाप करें।
  2. भगवान शिव की आराधना करें और शुद्धता बनाए रखें।
  3. सकारात्मक और शांत चित्त रहें।

6. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से रुद्राक्ष के लाभ:

  • रुद्राक्ष के बीजों में पाया जाने वाला कार्बन और चुंबकीय गुण मानसिक तनाव को कम करता है।
  • यह रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को नियंत्रित करता है।
  • इसके कंपन (vibrations) व्यक्ति की ऊर्जा को संतुलित करते हैं।
  • ध्यान में सहायता करता है और आत्मा की शांति प्रदान करता है।

7. रुद्राक्ष और राशि का संबंध:

रुद्राक्ष को राशि के अनुसार भी चुना जा सकता है।

  • मेष और वृश्चिक: तीन मुखी रुद्राक्ष।
  • वृषभ और तुला: छह मुखी रुद्राक्ष।
  • मिथुन और कन्या: चार मुखी रुद्राक्ष।
  • कर्क और सिंह: दो मुखी रुद्राक्ष।
  • धनु और मीन: पांच मुखी रुद्राक्ष।
  • मकर और कुंभ: सात मुखी रुद्राक्ष।

रुद्राक्ष धारण करना केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में सकारात्मक प्रभाव डालता है। यदि इसे सही विधि और आस्था से धारण किया जाए, तो यह व्यक्ति के जीवन में चमत्कारी परिवर्तन ला सकता है।

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