प्रस्तुत विषय अत्यंत महत्वपूर्ण एवं ज्योतिष शास्त्र में बहुचर्चित है। मैं यहां इसे व्यवस्थित, विस्तारपूर्ण तथा स्पष्ट शैली में प्रस्तुत कर रहा हूँ—
कुंडली में Paya विचार : भाव और नक्षत्र आधारित Paya Types, फल और उपाय
📌 पाया क्या है?
जन्म कुण्डली में चन्द्रमा की स्थिति के आधार पर जातक के जन्म का पाया निर्धारित किया जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से पाया, जातक के जीवन में आने वाले सुख-दुःख, कार्य-सफलता, स्वास्थ्य, पारिवारिक स्थिति और व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव डालता है।
पाया मुख्यतः चार प्रकार का होता है –
पाया का प्रकार | गुणधर्म | महत्व |
---|---|---|
चाँदी का पाया | सर्वश्रेष्ठ | शुभफल, सुख-समृद्धि |
ताँबे का पाया | श्रेष्ठ | प्रगति, सफलता, किंचित उग्रता |
सोने का पाया | सामान्य | मध्यम फल, कभी लाभ–कभी हानि |
लोहे का पाया | अनिष्टकारी | बाधाएँ, रोग, विघ्न |
🌓 भाव-आधारित पाया विचार
जन्म कुण्डली में चन्द्रमा जिस भाव में स्थित हो, उसी आधार पर पाया निश्चित होता है।
- सोने का पाया → जब चन्द्रमा 1 (लग्न), 6, 11 भाव में हो।
- चाँदी का पाया → जब चन्द्रमा 2, 5, 9 भाव में हो।
- ताँबे का पाया → जब चन्द्रमा 3, 7, 10 भाव में हो।
- लोहे का पाया → जब चन्द्रमा 4, 8, 12 भाव में हो।
🎨 चित्रात्मक प्रतीक
- पीला चन्द्रमा → सोने का पाया
- सफेद चन्द्रमा → चाँदी का पाया
- लाल चन्द्रमा → ताँबे का पाया
- काला चन्द्रमा → लोहे का पाया
🔮 चारों पाये का फल और उपाय
1. चाँदी का पाया – सर्वश्रेष्ठ
- जातक का जीवन सुख, समृद्धि और यश से परिपूर्ण होता है।
- माता को सुख प्रदान करता है।
- भक्ति एवं श्रद्धा में प्रवृत्त रहता है।
उपाय –
- सोमवार को चाँदी, दही, दूध, चावल, चीनी आदि का दान करें।
- "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
![]() |
कुंडली में Paya विचार : भाव और नक्षत्र आधारित Paya Types, फल और उपाय |
2. ताँबे का पाया – श्रेष्ठ
- जातक तेजस्वी, कर्मठ और उन्नति की ओर अग्रसर होता है।
- कभी-कभी अधिक क्रोध या असंयम हो सकता है।
उपाय –
- ताँबे के बर्तन, लाल वस्त्र, फल-फूल, मिठाई आदि का दान करें।
- ताँबे के लोटे से शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ।
- ताँबे के बर्तन से पानी पीना और देवी पाठ करना लाभकारी होगा।
3. सोने का पाया – सामान्य
- जातक के जीवन में मिले-जुले परिणाम आते हैं।
- भौतिक सुख होते हुए भी मानसिक शांति का अभाव रहता है।
- दूसरों के कारण कष्ट झेलना पड़ सकता है।
उपाय –
- सूर्य को अर्घ्य दें और गायत्री मंत्र का पाठ करें।
- रविवार को सोना, ताँबा, वस्त्र, लाल फूल, मिठाई आदि का दान करें।
4. लोहे का पाया – अनिष्टकारी
- जातक के जीवन में रोग, बाधाएँ और रुकावटें अधिक होती हैं।
- पिता को कष्ट, नेत्र और पाचन संबंधी रोग सम्भव।
- मानसिक अशांति और निर्णय क्षमता पर प्रभाव।
उपाय –
- शनिवार को लोहे का तवा, ताला अथवा बालक के वजन के बराबर लोहे की वस्तु का दान करें।
- शनि देव की उपासना करें और "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करें।
🌟 नक्षत्र-आधारित पाया विचार
जन्म कुण्डली में चन्द्रमा जिस नक्षत्र में स्थित हो, उसके अनुसार भी पाया निश्चित होता है। इसमें चरण का भेद नहीं होता।
- सोने का पाया – रेवती, अश्विनी, भरणी
- लोहे का पाया – कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा
- चाँदी का पाया – आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाती, विशाखा, अनुराधा
- ताँबे का पाया – ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वभाद्रपद, उत्तरभाद्रपद
⚠️ विशेष टिप्पणी
- पाया निर्धारण केवल चन्द्रमा की स्थिति पर आधारित होता है।
- चलित चक्र के आधार पर पाया का विचार नहीं किया जाता।
- यदि किसी जातक का पाया अनिष्टकारी हो तो उचित दान, मंत्र-जप और देव-पूजन द्वारा दोष का निवारण संभव है।
👉 इस प्रकार पाया विचार, जातक के जीवन की सुख-दुःख यात्रा, कर्मफल और भविष्य के संकेतों का प्रारम्भिक आधार प्रदान करता है।
🌓 कुण्डली में पाया विचार – संपूर्ण चार्ट
1. भाव-आधारित पाया
भाव में चन्द्रमा | पाया | फल | उपाय |
---|---|---|---|
1 (लग्न), 6, 11 | सोने का पाया | मध्यम फल, सुख होते हुए भी मानसिक शांति का अभाव | सूर्य को अर्घ्य, गायत्री मंत्र जप, रविवार को सोना/ताँबा/लाल वस्त्र/मिठाई दान |
2, 5, 9 | चाँदी का पाया | सर्वश्रेष्ठ, सुख-समृद्धि, माता को सुख, भक्ति व यश | सोमवार को चाँदी, दूध, दही, चावल, चीनी दान; "ॐ नमः शिवाय" का जप |
3, 7, 10 | ताँबे का पाया | श्रेष्ठ, तेजस्वी, कर्मठ, कभी-कभी क्रोधी | ताँबे के लोटे से शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ, ताँबे के बर्तन/लाल वस्त्र/फल-फूल/मिठाई दान |
4, 8, 12 | लोहे का पाया | अनिष्टकारी, रोग-बाधा, रुकावट, पिता को कष्ट | शनिवार को लोहे का तवा/ताला/वजन के बराबर लोहा दान; "ॐ शं शनैश्चराय नमः" जप |
2. नक्षत्र-आधारित पाया
नक्षत्र | पाया | फल | उपाय |
---|---|---|---|
रेवती, अश्विनी, भरणी | सोने का पाया | सामान्य फल, लाभ-हानि मिश्रित | सूर्य अर्घ्य, गायत्री जप, रविवार दान |
कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा | लोहे का पाया | बाधाएँ, रोग, कठिनाइयाँ | शनिवार दान, शनि मंत्र जप |
आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाती, विशाखा, अनुराधा | चाँदी का पाया | सर्वश्रेष्ठ, सुख-समृद्धि, यश | सोमवार दान, शिव उपासना |
ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वभाद्रपद, उत्तरभाद्रपद | ताँबे का पाया | श्रेष्ठ, प्रगति, थोड़ी उग्रता | ताँबे का दान, देवी पाठ, ताँबे से जल सेवन |
3. सारांश
- चाँदी का पाया → सर्वश्रेष्ठ
- ताँबे का पाया → श्रेष्ठ
- सोने का पाया → सामान्य
- लोहे का पाया → अनिष्टकारी
👉 पाया के शुभ-अशुभ प्रभाव को दान, मंत्र-जप और देव-पूजन से संतुलित किया जा सकता है।