1. जब कुंडली मे सूर्य चन्द्र बुध साथ हों तो इस तरह के फलों का निर्माण होता है। व्यक्ति मनोवैज्ञानिक सरकारी अधिकारी ब्लैक मेलर बनता है। साथ ही अशांत मन मानसिक तनाव व परिवर्तनशील स्वभाव हो जाता है।
2. सूर्य चन्द्र केतू जब कुंडली में एक साथ बैठे हों। तव मनुष्य रोज़गार के लिये परेशान न दिन को चैन न रात को चैन बुद्धि काम नही करती चाहे व्यक्ति लखपति भी हो जाये पर शक्तिहीन ही रहता है।
3. यह तीनों बलवान ग्रह सूर्य शुक्र शनि एक साथ एकत्रित होते हैं। तब पति पत्नी में विद्रोह तलाक घर में अशांति सरकारी नौकरी में बाधा उतपन्न करते हैं।
4. सूर्य बुध राहू के साथ होने पर सरकारी नौकरी में अधिकारी द्वारा गड बड़ दो विवाह का योग संतान के लिये कस्ट जीवन में अन्धकार कई तरह की परेशानियों से जीवन विचलित रहता है।
5. किसी मनुष्य की कुंडली में चन्द्र शुक्र बुध एक साथ हों तब सरकारी अधिकारी व कर्मचारी के जीवन मे अशांति व घरेलू अशांति सास बहु का झगड़ा व्यापार में नुकसान लड़कियाँ अधिक होना संतान पैदा होने में विघ्न उतपन्न करते है।
6. चन्द्र मंगल बुध की युति में मनुष्य मन साहस बुद्धि का सामंजस्य का धनी होता है। स्वास्थ अच्छा रहता है। नीतिवान साहसी होता है। सोच विचार से काम करने वाला होता है। यही ग्रह पाप दृष्टी में हों तो मनुष्य डरपोक ख्याली पुलाव पकाने वाला होता है।
7. कुंडली में चन्द्र मंगल शनि की युति होने पर नज़र कमजोर होती है। बीमारी का भय होता है। डॉक्टर वैज्ञानिक व इंजीनियर बनता है। पर मानसिक तनाव ब्लड प्रेशर कम या अधिक बना रहता है।
8. चन्द्र मंगल राहू की कुंडली में युति होने पर पिता के लिए अशुभ होता है। मन चंचलता से भरा होता है। माता तथा भाई के लिए लाभदायी नहीं होता है।
9. कुंडली में जब इन तीनो ग्रहों चन्द्र बुध शनि की युति होने पर तंतु प्रणाली में रोग होता है। बुद्धि की खराबी से अनेक दुःख उतपन्न हो जाते है। मन अशांत रहता है। मानसिक तनाव व वहम की समस्या बनी रहती है।
10. चन्द्र बुध राहू की युति होने पर यह माँ के लिए अशुभ माना जाता है। सुख कम मिलता है। पिता पर इसका प्रभाव भारी पड़ता है। दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।
11. चन्द्र शनि राहू के कुंडली मे बैठ कर एक साथ युति करने पर माता का सुख कम मिलता है। दिमागी समस्याएं बनी रहती है। ब्लड प्रेशर की बीमारी लग जाती है। दुर्घटना का भय लगा रहता है। स्वास्थ हल्का खराब रहता है।
12. यह तीनों ग्रह शुक्र बुध शनि जब युति करते है। तब चोरियां होती है। धन की हानी होती है। प्रॉपर्टी डीलर व जायदाद का मालिक बनाता है। ऐसे मनुष्य की पत्नी उसके घर की मुखिया होती है।
13. मंगल बुध शनि की युति से आँखों में विकार उतपन्न होता है। तंतु प्रणाली में विकार हो जाते है। रक्त में विकार की समस्या बन जाती है। मामाओं के लिये यह अशुभ होता है। दुर्घटना का भय हर वख्त मन में बना रहता है।
14. जब मंगल बुध गुरू अपनी युति बनाते है। तब वह मनुष्य अपने कुल का राजा होत है। विद्वान शायर गाने का शौकीन होता है। ऐसे मनुष्य को पत्नी सुंदर आकर्षक व्यक्तित्व की मिलती है।
15. मंगल बुध शुक्र की युति में मनुष्य धनवान होता है। चंचल स्वभाव का होता है। हमेशा खुश रहने वाला व क्रोधी भी होता है।
16. यह तीनों बलि माने जाने वाले मंगल बुध राहू की युति में व्यक्ति सामाजिक बुरा होता है। कंजूस व लालची स्वभाव का होता है। इस युति में मनुष्य रोगी फ़कीर बुरा काम करने वाला होता है।
17. जब कुंडली मे मंगल बुध केतू उपस्थित होकर युति करते है। तब उस मनुष्य के साथ बहुत अशुभ होता है। वह रोगी होता है। कंजूस दरिद्री गंदा रहने वाला व व्यर्थ के काम में अपना जीवन व्यतीत करने वाला होता है।
18. गुरू सूर्य बुध के साथ कि युति ऐसे मनुष्य के पिता के लिए अशुभ होती है। उसको विद्या विभाग में नौकरी मिलती है।
19. इन तीनों ग्रहों गुरू चन्द्र शुक्र की युति में दो विवाह होते है। रोग लगे रहते हैं। प्रेम प्रसंग में बदनामी मिलती है। कभी धनी कभी गरीब यानी आर्थिक स्थिति चरमराई हुई होती है।
20. गुरू चन्द्र मंगल की युति होने पर मनुष्य हर प्रकार से उत्तम जीवन जीता है। धन की कमी नही रहती। उच्च पद का सम्मान प्राप्त होता है। बड़ा अधिकारी होता है। गृहस्थ सुख पूर्ण रूपसे मिलता है।
21. गुरू चन्द्र बुध की युति में मनुष्य धनी अध्यापक दलाल होता है। यह पिता के लिये अशुभ होती है। माता बीमार रहती हैं।
22. गुरू शुक्र मंगल की युति में संतान की और से परेशानी बनी रहती है। प्रेम संबंधों से दुःख व गृहस्थ जीवन में असुख की भरमार होती है।
23.किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरू शुक्र बुध उपस्थित हों तब कुटुंब अथवा गृहस्थ सुख बुरा मिलता है। पिता के लिये अशुभ होता है। व्यापारी वर्ग से निराशा मिलती है।
24. गुरू शुक्र शनि की युति फसादी बनाती है। पिता-पुत्र में तकरार होती रहती है।
25. गुरू मंगल बुध की युति में संतान कमजोर होती है। बैंक एजेंट धनवान व वकील बनाती है।
26. चन्द्र शुक्र बुध सूर्य की युति में मनुष्य आज्ञाकारी अच्छे काम करने वाला माता पिता के लिये शुभ फलदायी भला आदमी होता है। सरकारी नौकरी विलम्ब से मिलती है।
यह ग्रहों की युति तब बनती है जब एक साथ दो या उससे अधिक ग्रह कुंडली में बैठकर युति करते हों इन्हीं युति के हिसाब से मनुष्य के जीवन में अच्छे बुरे फलों की प्राप्ति होती है। सभी कर्मों का निर्माण ग्रहों की आपसी युति के हिसाब से ही मनुष्य के जीवन में प्राप्त होता है।
4 ग्रहों की युति का फल-
सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध युति का फल–
यदि कुण्डली के किसी भी भाव में सूर्य, चंद्र, मंगल और बुध एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति कुशल लेखक होते हैं । किन्तु अत्यधिक मोह में पड़कर रोग के शिकार हो जाते हैं । ऐसे जातक प्रत्येक कार्य में कुशल एवं चतुर होते हैं।
सूर्य, चन्द्र, मंगल, गुरु युति का फल-
जन्म पत्रिका में सूर्य, चंद्र, मंगल और गुरु एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति भूपति अर्थात अनेक भूसंपत्तियों के मालिक होते हैं | ऐसे जातक नीतिवान और कुशल नेता होते हैं | इनके पास धन-संपत्ति की कमी नहीं रहती |
सूर्य, चन्द्र, मंगल, शुक्र युति का फल-
जब एक ही भाव में सूर्य, चंद्र, मंगल और शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति धनवान और तेजस्वी होते हैं । ये नीतिवान तथा प्रत्येक कार्य में दक्ष भी होते हैं । ऐसे जातक विनोदी स्वभाव के और गुणी भी होते हैं ।
सूर्य, चंद्र, मंगल, शनि युति का फल-
यदि एक ही भाव में सूर्य, चंद्र, मंगल तथा शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्तिओं को नेत्र रोग होने का भय रहता हैं । जबकि ऐसे जातक कुशल शिल्पकार, स्वर्णकार और शास्त्र के जानने वाले भी होता हैं। ये धैर्य धारण करने वाले और धनवान भी होते हैं ।
सूर्य, चन्द्र, बुध, गुरु युति का फल-
जिनकी कुण्डली में सूर्य, चंद्र, बुध एवं गुरु एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत सुखी तथा सदाचारी होते हैं | ऐसे जातक प्रख्यात पंडित एवं मध्यम चित्त वाले होते हैं |
सूर्य, चन्द्र, बुध, शुक्र युति का फल-
यदि सूर्य, चंद्र, बुध और शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति कुछ आलसी स्वभाव के होने के कारण अल्प धनी होते हैं | ऐसे जातका दुखी और क्षीण शक्ति वाले होते हैं | किन्तु ये बहुत ही विद्वान भी होते हैं |
सूर्य, चन्द्र, बुध शनि युति का फल-
कुण्डली में सूर्य, चंद्र, बुध और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति विकलदेही अर्थात शारीरिक कष्ट भोगने वाले होते हैं | ऐसे जातक वाक्पटु, शीलवान और चंचल भी होते हैं | ये प्रत्येक कार्य में कुशल एवं मन्त्र विद्या के जानने वाले होते हैं।
सूर्य, चंद्र, गुरु, शुक्र युति का फल-
यदि सूर्य, चंद्र, गुरु और शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बड़े परोपकारी, धार्मिक और शास्त्र के ज्ञाता होते हैं । ऐसे जातक धर्मशाला तथा तलाव आदि के निर्माता होते हैं । ये बहुत ही सज्जन, मिलनसार एवं उच्चाभिलाषी होते हैं।
सूर्य, चन्द्र, गुरु, शनि युति का फल-
कुण्डली में सूर्य, चंद्र, गुरु और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति तामसी प्रवृत्ति के तथा हठी होते हैं । ऐसे जातक कुलीन, सुखी तथा व्यवसाय हीन होते हैं । ये दूसरों की निंदा करते-करते स्वयं निंदक हो जाते हैं।
सूर्य, चंद्र, शुक्र, शनि युति का फल-
यदि एक ही भाव में सूर्य, चंद्र, शुक्र और शनि एक साथ हो तो ऐसे जातक दुर्बल शरीर वाले, स्त्रीरत एवं कामी प्रवृत्ति के होते हैं । ऐसे व्यक्तियों का मन सदा ही व्यभिचार की और ही अग्रसर रहता हैं ।
सूर्य, मंगल, बुध, गुरु युति का फल-
कुण्डली में सूर्य, मंगल, बुध और गुरु एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति परस्त्रीगामी और अपमानित जीवन जीने वाले होते हैं । ऐसे जातक समाज में तो निंदक रहते हैं किन्तु व्यापार द्वारा धन कमाने वाले भी होते हैं ।
सूर्य मंगल बुध शुक्र की युति –
यदि इन चारों ग्रहों की युति हो तो जातक ज्ञानवान, विद्वान, बुद्धिमान, तथा उत्तम भोजन करने वाला होता है किन्तु यदि इन ग्रहों पर पापी ग्रह की दृष्टि हो तो जातक का मन व्यभिचार की ओर अग्रसर होता है ।
सूर्य, मंगल, बुध, शनि युति का फल-
यदि सूर्य, मंगल, बुध तथा शनि एक साथ हो तो ऐसे जातक कुशल कवि, मन्त्री आदि पद पर नियुक्त बहुत ही सज्जन होते हैं । ऐसे व्यक्ति लब्धप्रतिष्ठित, सुखी एवं सम्मान पाने वाले होते हैं ।
सूर्य, मंगल, गुरु, शुक्र युति का फल-
जन्म कुण्डली में सूर्य, मंगल, गुरु और शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति लोकमान्य एवं कीर्तिवान होते हैं । ऐसे जातक प्रत्येक कार्य में कुशल, सर्वप्रिय और ऐश्वर्यवान होते हैं ।
सूर्य, मंगल, गुरु, शनि युति का फल-
यदि सूर्य, मंगल, गुरु और शनि एक साथ हो तो ऐसे जातक राजमान्य, कुटुम्ब सेवी एवं साधुओं की सेवा करने वाले होते हैं । प्रत्येक कार्य में कुशल और सफल व्यापारी होते हैं । ऐसे व्यक्ति मिल संस्थापक, शिक्षक एवं कुशलता पूर्वक शासन करने वाले होते हैं।
सूर्य, मंगल, शुक्र, शनि युति का फल-
जिनकी कुण्डली में सूर्य, मंगल, शुक्र तथा शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बंधू-बांधवों से द्वेष रखने वाले, मलीन मन के और अपयशी होते हैं । ऐसे जातक दुराचार में प्रवृत्त रहने वाले और निम्न कार्य करें वाले होते हैं ।
सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र युति का फल-
यदि सूर्य, बुध, गुरु और शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति धनवान, बंधू-बांधवों से संपन्न तथा सुखी रहते हैं। ऐसे जातक सफल कार्यकर्ता, सभापति, सभा को जीतने वाले, लोकमान्य एवं नीतिवान होते हैं।
सूर्य, बुध, गुरु, शनि युति का फल-
जिनकी कुण्डली में सूर्य, बुध, गुरु एवं शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति कुछ अभिमानी प्रवृत्ति के और झगड़ालू किस्म के होते हैं । किन्तु ऐसे जातक कुशल संशोधक, कवि, साहित्यिक एवं सम्पादक आदि होते हैं। किन्तु इन्हें वीर्य से सम्बंधित रोग होने का डर रहता हैं।
सूर्य, बुध, शुक्र, शनि युति का फल-
कुण्डली में सूर्य, बुध, शुक्र एवं शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति श्रेष्ठ वाचाल तथा सदाचारी होते हैं । ऐसे जातक साधन संपन्न होते हुए भी अल्प सुखी होते हैं । किन्तु इनको वन प्रदेश में घूमना बहुत अच्छा लगता है ।
सूर्य, गुरु, शुक्र, शनि युति का फल-
यदि सूर्य, गुरु, शुक्र और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति कुशल कवि तथा प्रधान नेता होते हैं। ऐसे जात अब्दे ही स्वार्थी और बहुत ही चतुर होते हैं । परन्तु अच्छी ख्याति प्राप्त करते हैं।
चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु युति का फल-
जन्म पत्रिका में चंद्र, मंगल, बुध तथा गुरु एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बहुत ही बुद्धिमान तथा सदाचारी होते हैं । ऐसे जातक शास्त्र के जानने वाले और सुखी होते हैं । ये अपने परिवार के पालक एवं शिल्प कला के अच्छे जानकार होते हैं ।
चन्द्र, मंगल, बुध, शुक्र युति का फल-
यदि चंद्र, मंगल, बुध और शुक्र एक साथ हो तो ऐसे जातक कुछ आलसी प्रवृत्ति के तथा झगड़ालू भी होते हैं । ऐसे व्यक्ति किसी का सहयोग कभी नहीं करते केवल अपना सुख ही ढूँढते हैं ।
चन्द्र, मंगल, बुध शनि युति का फल-
कुण्डली में चंद्रमा, मंगल, बुध एवं शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति शूरवीर एवं वहुपुत्रावन होते हैं । ऐसे जातक बहुत ही गुणवान और इनकी पत्नि बड़ी ही शुसीला होती हैं । किन्तु इनका शरीर हमेशा विकल रहता है ।
चन्द्र, मंगल, गुरु, शुक्र युति का फल-
जन्म पत्रिका में चंद्र, मंगल, गुरु और शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति माननीय तथा धनी होते हैं । ऐसे जातक स्त्री से सुखी, निर्मल चित वाले और बड़े ही धर्मात्मा होते हैं । ये समाजसेवा करने में हमेशा तत्पर रहते हैं ।
चन्द्र, मंगल, गुरु, शनि युति का फल-
यदि चंद्र, मंगल, गुरु तथा शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति धीर, पराक्रम शाली और धनवान होते हैं । ऐसे जातक काफी परिश्रमी एवं शस्त्र और शास्त्र कला के जानने वाले होते हैं ।
चन्द्र, मंगल, शुक्र, शनि युति का फल-
कुण्डली में चंद्र, मंगल, शुक्र और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति गुरुजनहीन अर्थात किसी की न मानने वाले तथा दुखी जीवन व्यतीत करने वाले होते हैं । ऐसे जातक कटु बोलने वाले और निम्न कार्य करने वाले होते हैं ।
चन्द्र, बुध, गुरु, शुक्र युति का फल-
जन्म पत्रिका में चंद्र, बुध, गुरु एवं शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बड़े ही आस्थावान और मातृ-पितृ के भक्त होते हैं । ऐसे जातक बड़े ही विद्वान, धनवान तथा सुखी होते हैं । ये प्रत्येक कार्य को बडे ही कुशलता पूर्वक करते हैं ।
चन्द्र, बुध, गुरु, शनि युति का फल-
यदि चंद्र, बुध, गुरु और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बड़े ही कीर्तिमान और तेजस्वी होते हैं । ऐसे जातक बंधु बांधवों से प्रेम करने वाले, प्रसिद्ध कवि एवं सामान्य जीवन व्यतीत करने वाले होते हैं ।
चन्द्र, बुध, शुक्र, शनि युति का फल-
कुण्डली में चंद्र, बुध, शुक्र और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्तिओं का चरित्र बहुत अच्छा नहीं रहता । ऐसे जातक जनद्वेषी अर्थात सभी जनों से द्वेष रखने वाले होने के कारण सभी सुखों से वंचित रहते हैं ।
चन्द्र, गुरु, शुक्र, शनि युति का फल-
जिनकी कुण्डली में चंद्र, गुरु, शुक्र तथा शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्तिओं को त्वचा से सम्बंधित रोग होने का भय रहता हैं । ऐसे जातक अक्सर प्रवास पर रहने वाले एवं बहुत बोलने वाले होते हैं । ये वाचाल तो बहुत होते हैं किन्तु निर्धन रहते हैं ।
मंगल, बुध, गुरु, शुक्र युति का फल-
यदि मंगल, बुध, गुरु और शुक्र एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति लोकमान्य और विद्वान होते हैं । ऐसे जातक शूरवीर, चतुर एवं परिश्रमी होते हैं । किन्तु बहुत धनवान नहीं होते ।
मंगल, बुध, शुक्र, शनि युति का फल-
कुण्डली में मंगल, बुध, शुक्र एवं शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति पुष्ट शरीर वाले, मल्ल योद्धा और युद्ध विजयी होते हैं । ऐसे जातक बहुत ही पराक्रमी होते हैं ।
मंगल, गुरु, शुक्र, शनि युति का फल-
जिनकी जन्म पत्रिका में मंगल, गुरु, शुक्र और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति तेजस्वी और धनवान होते हैं । ऐसे जातक बड़े ही साहसी एवं चपल होते हैं । परन्तु स्त्री लोभी भी हिते हैं ।
बुध, गुरु, शुक्र, शनि युति का फल-
कुण्डली में बुध, गुरु, शुक्र और शनि एक साथ हो तो ऐसे व्यक्ति बड़े ही विद्वान तथा सच्ची मित्रता निभाने वाले होते हैं । ऐसे जातक धर्मात्मा, सुखी, सच्चरित्र एवं अपने कार्य में दक्ष होते हैं ।
यह तीनों ग्रह साथ बैठ गए तो ना दिन में चैन और ना ही रात को चैन मिलेगा जाने कोन कोन है ये ग्रह:–
2 से 3 ग्रह जब एक साथ बैठे हो तब वह युति होती है, हर ग्रह अपनी मित्रता शत्रुता के हिसाब से फल प्रदान करते है।
१. जब कुंडली मे सूर्य चन्द्र बुध साथ हों तो इस तरह के फलों का निर्माण होता है। व्यक्ति मनोवैज्ञानिक सरकारी अधिकारी ब्लैक मेलर बनता है। साथ ही अशांत मन मानसिक तनाव व परिवर्तनशील स्वभाव हो जाता है।
2. सूर्य चन्द्र केतू जब कुंडली में एक साथ बैठे हों। तव मनुष्य रोज़गार के लिये परेशान न दिन को चैन न रात को चैन बुद्धि काम नही करती चाहे व्यक्ति लखपति भी हो जाये पर शक्तिहीन ही रहता है।
3. यह तीनों बलवान ग्रह सूर्य शुक्र शनि एक साथ एकत्रित होते हैं। तब पति पत्नी में विद्रोह तलाक घर में अशांति सरकारी नौकरी में बाधा उतपन्न करते हैं।
4. सूर्य बुध राहू के साथ होने पर सरकारी नौकरी में अधिकारी द्वारा गड बड़ दो विवाह का योग संतान के लिये कस्ट जीवन में अन्धकार कई तरह की परेशानियों से जीवन विचलित रहता है।
5. किसी मनुष्य की कुंडली में चन्द्र शुक्र बुध एक साथ हों तब सरकारी अधिकारी व कर्मचारी के जीवन मे अशांति व घरेलू अशांति सास बहु का झगड़ा व्यापार में नुकसान लड़कियाँ अधिक होना संतान पैदा होने में विघ्न उतपन्न करते है।
6. चन्द्र मंगल बुध की युति में मनुष्य मन साहस बुद्धि का सामंजस्य का धनी होता है। स्वास्थ अच्छा रहता है। नीतिवान साहसी होता है। सोच विचार से काम करने वाला होता है। यही ग्रह पाप दृष्टी में हों तो मनुष्य डरपोक ख्याली पुलाव पकाने वाला होता है
7. कुंडली में चन्द्र मंगल शनि की युति होने पर नज़र कमजोर होती है। बीमारी का भय होता है डॉक्टर वैज्ञानिक व इंजीनियर बनता है। पर मानसिक तनाव ब्लड प्रेशर कम या अधिक बना रहता है
8. चन्द्र मंगल राहू की कुंडली में युति होने पर पिता के लिए अशुभ होता है। मन चंचलता से भरा होता है माता तथा भाई के लिए लाभदायी नही होता है।
9. कुंडली में जब इन तीनो ग्रहों चन्द्र बुध शनि की युति होने पर तंतु प्रणाली में रोग होता है। बुद्धि की खराबी से अनेक दुःख उतपन्न हो जाते है मन अशांत रहता है मानसिक तनाव व वहम की समस्या बनी रहती है।
10. चन्द्र बुध राहू की युति होने पर यह माँ के लिए अशुभ माना जाता है। सुख कम मिलता है पिता पर इसका प्रभाव भारी पड़ता है दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है ।
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- राहु ग्रह शान्ति मंत्र, जप, कवच और स्तोत्र पाठ
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