Navgraha Mantra for Success: जानिए नौ ग्रहों के मंत्र और उनके लाभ

Sooraj Krishna Shastri
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Navgraha Mantra for Success: जानिए नौ ग्रहों के मंत्र और उनके लाभ


🌞 नौ ग्रह, नौ मंत्र: जीवन को समृद्ध बनाने वाले ये नौ वरदान
Navgraha Beej Mantra – Strengthen Weak Planets in Kundli

✍🏻 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे जीवन की दिशा और दशा दोनों पर नवग्रहों की गहरी छाया होती है। किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति यह दर्शाती है कि कौन-से ग्रह जीवन में शुभता ला रहे हैं और कौन-से बाधा।

 "कमजोर ग्रह जहां जीवन में समस्याएं उत्पन्न करते हैं, वहीं मजबूत ग्रह शुभ फल प्रदान करते हैं।" इन ग्रहों को सशक्त बनाने का एक प्रभावशाली उपाय है – बीज मंत्रों का जाप

आइए, प्रत्येक ग्रह के बीज मंत्र और उनके प्रभाव को क्रमशः समझते हैं:

Navgraha Mantra for Success: जानिए नौ ग्रहों के मंत्र और उनके लाभ
Navgraha Mantra for Success: जानिए नौ ग्रहों के मंत्र और उनके लाभ



१. 🌞 सूर्य ग्रहराजसत्ता, आत्मबल और मान-सम्मान का प्रतीक

ग्रहों का राजा माना गया सूर्य आत्मविश्वास, नेतृत्व, प्रशासनिक क्षमता और मान-सम्मान का कारक है। कुंडली में सूर्य की कमजोरी से व्यक्ति को अधिकारहीनता, नेत्र विकार, हृदय रोग आदि का सामना करना पड़ सकता है।

🔆 सूर्य बीज मंत्र:
👉🏻 ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
📿 लाभ: आत्मबल में वृद्धि, नौकरी में पदोन्नति, सम्मान और ऊर्जा की प्राप्ति।


२. 🌙 चंद्र ग्रहमन, भावनाओं और मानसिक स्थिरता का कारक

चंद्रमा हमारे मन, स्मृति, माता और मानसिक स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्रमा कमजोर होने पर व्यक्ति भावनात्मक रूप से अस्थिर हो जाता है।

🔆 चंद्र बीज मंत्र:
👉🏻 ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः।
📿 लाभ: मानसिक शांति, माता का स्वास्थ्य, सौंदर्य, सौम्यता की प्राप्ति।


३. 🔴 मंगल ग्रहशौर्य, साहस और ऊर्जा का प्रतीक

मंगल पराक्रम, सैन्यबल, भूमि, तथा भाई से संबंधों को नियंत्रित करता है। यह ग्रह कुंडली में यदि पीड़ित हो तो व्यक्ति को क्रोध, दुर्घटनाएं और ऊर्जा की कमी होती है।

🔆 मंगल बीज मंत्र:
👉🏻 ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।
📿 लाभ: साहस में वृद्धि, रक्त विकार से मुक्ति, भूमि-संबंधी विवाद में सफलता।


४. 🟢 बुध ग्रहबुद्धि, वाणी और व्यापार का कारक

बुध तर्कशक्ति, संवाद क्षमता, और व्यावसायिक निर्णयों को प्रभावित करता है। कमजोर बुध व्यक्ति को भ्रम, वाणी दोष और संप्रेषण में कठिनाई देता है।

🔆 बुध बीज मंत्र:
👉🏻 ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
📿 लाभ: बुद्धिमत्ता, संप्रेषण कौशल, व्यापार में सफलता।


५. 💛 बृहस्पति ग्रह (गुरु)ज्ञान, धर्म, विवाह और संतान का प्रतीक

बृहस्पति जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान, धन, संतान सुख और वैवाहिक समृद्धि लाता है। इसका बलवान होना जीवन की नींव मजबूत करता है।

🔆 गुरु बीज मंत्र:
👉🏻 ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।
📿 लाभ: शिक्षा, संतान सुख, वैवाहिक सुख, और भाग्य में वृद्धि।


६. 🤍 शुक्र ग्रहविलासिता, कला, सौंदर्य और प्रेम का कारक

शुक्र सभी भोग विलास, ऐश्वर्य, विवाह, संगीत-कला आदि का अधिष्ठाता ग्रह है। कमजोर शुक्र से प्रेम संबंधों में विघ्न, प्रजनन संबंधी समस्याएं और सौंदर्यहीनता देखी जाती है।

🔆 शुक्र बीज मंत्र:
👉🏻 ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।
📿 लाभ: सौंदर्य, आकर्षण, वैवाहिक संतुलन, और आर्थिक समृद्धि।


७. 🖤 शनि ग्रहकर्म, न्याय और तपस्या का प्रतीक

शनि को कर्मफलदाता कहा जाता है। यह व्यक्ति को उसके कर्मों का परिणाम देता है। शनि के प्रकोप से जीवन में अकारण विलंब, असफलता और रोग आते हैं।

🔆 शनि बीज मंत्र:
👉🏻 ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
📿 लाभ: धैर्य, न्याय, स्थायित्व, नौकरी में स्थिरता।


८. 🟣 राहु ग्रहछाया ग्रह, माया, भ्रम और वैश्विक प्रभाव का कारक

राहु अचानक परिवर्तन, राजनैतिक शक्ति, विदेश यात्रा आदि का प्रतीक है। अशुभ राहु भ्रम, व्यसन और मानसिक तनाव लाता है।

🔆 राहु बीज मंत्र:
👉🏻 ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
📿 लाभ: मानसिक स्पष्टता, षड्यंत्रों से रक्षा, विदेश संबंधी लाभ।


९. ⚪ केतु ग्रहमोक्ष, रहस्य और आध्यात्मिकता का प्रतीक

केतु भी एक छाया ग्रह है। यह अशुभ हो तो भय, भ्रम, दुर्घटना, एवं आत्मविश्वास की कमी देता है।

🔆 केतु बीज मंत्र:
👉🏻 ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।
📿 लाभ: आध्यात्मिक उन्नति, डर से मुक्ति, विवेकशीलता।


🔔 महत्वपूर्ण सुझाव:

  • ये बीज मंत्र अत्यंत शक्तिशाली होते हैं। इन्हें शुद्ध उच्चारण एवं नियत संख्या में जपना चाहिए।
  • जाप के लिए प्रातःकाल या संध्याकाल का समय उपयुक्त होता है।
  • मंत्रों का जाप श्रद्धा, संकल्प और एकाग्रता से करें।
  • किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से अपनी कुंडली का विश्लेषण अवश्य कराएं कि कौन-से ग्रह आपके लिए सबसे अधिक प्रभावित हैं।

🌺 निष्कर्ष:
नवग्रहों के इन मंत्रों का जाप न केवल ग्रहों की शुभता बढ़ाता है, बल्कि जीवन में संतुलन, समृद्धि और शांति भी लाता है। ग्रहों का प्रभाव अटल है, परंतु उनका उपाय भी सनातन शास्त्रों में विद्यमान है।

🔱 "ग्रहों को दोष नहीं, अपने कर्मों को सुधारें; मंत्रों से मन और भाग्य दोनों को संवारें।" 🔱


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