ग्रहों की संख्या, नाम, प्रकृति (शुभ या क्रूर), और विशिष्टताओं" पर आधारित एक संक्षिप्त एवं व्यवस्थित विवरण

Sooraj Krishna Shastri
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ग्रहों की संख्या, नाम, प्रकृति (शुभ या क्रूर), और विशिष्टताओं" पर आधारित एक संक्षिप्त एवं व्यवस्थित विवरण
ग्रहों की संख्या, नाम, प्रकृति (शुभ या क्रूर), और विशिष्टताओं" पर आधारित एक संक्षिप्त एवं व्यवस्थित विवरण

ग्रहों की संख्या, नाम, प्रकृति (शुभ या क्रूर), और विशिष्टताओं" पर आधारित एक संक्षिप्त एवं व्यवस्थित विवरण

आज हम यहाँ "ग्रहों की संख्या, नाम, प्रकृति (शुभ या क्रूर), और विशिष्टताओं" पर आधारित एक संक्षिप्त एवं व्यवस्थित विवरण प्रस्तुत कर सकते हैं।


ग्रहों का परिचय एवं वर्गीकरण (शास्त्रीय विवेचन)

(१) ग्रहों के नाम और क्रम

श्लोक:
अथ खेटा रविश्चन्द्रो मंगलश्च बुधस्तथा ।
गुरुः शुक्रः शनिः राहुः केतुश्चैते यथाक्रमम् ॥

हिन्दी भावार्थ:
ग्रहों के नाम इस प्रकार हैं:
१. सूर्य (रवि)
२. चन्द्र (चन्द्रमा)
३. मंगल
४. बुध
५. गुरु (बृहस्पति)
६. शुक्र
७. शनि
८. राहु
९. केतु
इन्हें नवग्रह कहा जाता है।


(२) ग्रहों का स्वभाव (शुभ - अशुभ)

श्लोक:
तत्रार्क-शनि-भूपुत्राः क्षीणेन्दु-राहु-केतवः ।
क्रूराः, शेषग्रहाः सौम्याः, क्रूर-युक्तो बुधः क्रूरः ॥

हिन्दी भावार्थ:

  • क्रूर (पाप) ग्रह:

    • सूर्य (अर्क)
    • मंगल (भूपुत्र)
    • शनि
    • क्षीण चन्द्र (अर्थात् कृष्ण पक्ष का चन्द्र)
    • राहु
    • केतु
  • सौम्य (शुभ) ग्रह:

    • गुरु (बृहस्पति)
    • शुक्र
    • पूर्ण या वर्धमान चन्द्रमा
  • बुध का विशेष स्वभाव:

    • बुध मूलतः सौम्य है, परंतु यदि वह पापग्रहों (जैसे शनि, राहु, केतु) के साथ हो या उनके प्रभाव में हो तो क्रूर बन जाता है।

(३) आधुनिक सन्दर्भ में समझ

  • क्रूर ग्रह आमतौर पर कठोर फल देते हैं, जैसे संघर्ष, रोग, बाधाएँ, परन्तु यदि सही स्थिति में हों तो उच्च फल भी प्रदान करते हैं।
  • सौम्य ग्रह सहज और शुभ फल देते हैं, जैसे ज्ञान, सौंदर्य, विवाह-सुख, विद्या आदि।
  • ग्रहों की शुभता या अशुभता उनकी स्थिति, दृष्टि, युति, और बलाबल पर भी निर्भर करती है।

क्रमग्रहसंस्कृत नामस्वभावशुभताविशेष टिप्पणी
1सूर्यरवि / अर्कक्रूरपापग्रहआत्मा, राजसत्ता, पिता, तेज
2चन्द्रमासोम / इन्दुसौम्यशुभग्रह (पूर्ण) / पापग्रह (क्षीण)मन, माता, भावनाएँ, शांति
3मंगलभौम / कुजक्रूरपापग्रहसाहस, युद्ध, भूमि, क्रोध
4बुधसौम्यसौम्य/क्रूरशुभ यदि अकेला हो, पापग्रह के साथ क्रूरबुद्धि, वाणी, व्यापार
5गुरुबृहस्पतिसौम्यशुभग्रहज्ञान, धर्म, गुरु, पुत्र
6शुक्रशुक्रसौम्यशुभग्रहकला, विवाह, प्रेम, सुख
7शनिशनैश्चरक्रूरपापग्रहन्याय, श्रम, आयु, विलंब
8राहुराहुक्रूरपापग्रह (छाया)भटकाव, भ्रम, विदेश, छल
9केतुकेतुक्रूरपापग्रह (छाया)मोक्ष, विरक्ति, रहस्य

निष्कर्ष

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को केवल उनके स्वभाव से नहीं, बल्कि उनकी संपूर्ण स्थिति, प्रभाव, और संदर्भ में देखकर समझना चाहिए।
यह वर्गीकरण शास्त्रीय दृष्टिकोण से प्रारंभिक विवेचना में सहायक है, परंतु कुंडली विश्लेषण में गहराई से विचार करना आवश्यक होता है।

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