🔷 संवत् 2082 (मार्च 2025 – मार्च 2026) हेतु मकर राशि तथा मकर लग्न (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी) का वार्षिक भविष्यफल
शनि, राहु-केतु और गुरु के गोचर आधारित सम्पूर्ण भविष्यफल तथा मासिक फलादेश
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| संवत् 2082 (मार्च 2025 – मार्च 2026) हेतु मकर राशि तथा मकर लग्न (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी) का वार्षिक भविष्यफल | 
🌌 ग्रहों के अनुसार वार्षिक फल
🪐 1. शनि विचार – कार्य, संघर्ष, जीवन-परिवर्तन, न्याय
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संवत्सरारम्भ (मार्च 2025 तक) - शनि कुम्भ में
- साढ़े साती की अंतिम चरण🔸 रजतपाद का द्वितीय शनि▪ आर्थिक हानि की आशंका▪ पारिवारिक कष्ट और मानसिक बेचैनी
 
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1 अप्रैल 2025 से संवत्सर अंत तक - शनि मीन में प्रवेश🔹 लौहपाद का तृतीय शनि▪ साहस बढ़ेगा▪ यात्राओं से धनलाभ▪ संचार और शिक्षा क्षेत्र से लाभ
 
🔧 शनि उपाय:
- शनिवार को सरसों तेल चढ़ाएं
- “शनि स्तोत्र”, “सुन्दरकाण्ड” का पाठ
- नीलम रत्न योग्य परामर्श से धारण करें
- अंधे, निर्धन को काला तिल, कंबल, लोहा दान करें
☄️ 2. राहु-केतु विचार – मानसिकता, विदेश, निर्णय, संबंध
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मार्च से 9 मई 2025 तक - राहु मीन (तृतीय), केतु कन्या (नवम)🔸 लौहपाद प्रभाव▪ आत्मविश्वास के साथ निर्णय लेने की इच्छा▪ परंतु जल्दबाज़ी में लिए निर्णय हानिकारक▪ धार्मिकता में रुचि
 
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9 मई 2025 से संवत्सर अंत तक - राहु कुम्भ (द्वितीय), केतु सिंह (अष्टम)🔹 रजतपाद प्रभाव▪ शारीरिक गर्मी▪ रिश्तेदारों से तनाव▪ स्वास्थ्य का ध्यान रखें
 
🔧 राहु-केतु उपाय:
- राहु के लिए “ॐ रां राहवे नमः” का जप
- केतु के लिए “ॐ कें केतवे नमः”
- शनिवार को नारियल बहाएं, हनुमान उपासना करें
🟡 3. गुरु विचार – ज्ञान, संतान, शिक्षा, धन
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संवत्सरारंभ में (मार्च–15 मई) - गुरु वृष में – रजतपाद का पंचम गुरु▪ संतान को प्रतियोगिता में सफलता▪ भाग्योदय के योग
 
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15 मई से 21 अक्टूबर 2025 तक - गुरु मिथुन में – स्वर्णपाद का षष्ठम गुरु▪ स्वास्थ्य समस्या▪ कर्ज की चिंता
 
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21 अक्टूबर से 4 दिसंबर तक - गुरु कर्क में – रजतपाद का सप्तम गुरु▪ पार्टनर के सहयोग से धन▪ जीवनसाथी को नाभि या उदर संबंधी रोग
 
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4 दिसम्बर से संवत्सर अंत तक - गुरु पुनः मिथुन में – रजतपाद का षष्ठम गुरु▪ स्वास्थ्य में कमजोरी▪ आर्थिक बाधाएं
 
🔧 गुरु उपाय:
- बृहस्पतिवार को पीली वस्तु दान करें
- “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप
- पोखराज रत्न धारण करें
- “गुरु स्तोत्र” का नित्य पाठ
📅 मासिक भविष्यफल तालिका
| 🌙 माह | 📌 प्रमुख संकेत एवं घटनाएँ | 
|---|---|
| अप्रैल | व्यापार में लाभ, पर विवाद में अपमान; स्त्री को उदरकष्ट; यात्रा से भय पर लाभ | 
| मई | ज़मीन लेन-देन में कष्ट; संतान की असफलता; वाणी से प्रभाव; स्त्री सहयोग से धनलाभ | 
| जून | संतान को कष्ट; शत्रु पर विजय; अपमान की आशंका; माता या ज़मीन से धनलाभ | 
| जुलाई | चिंता कम; स्त्री को उदर पीड़ा; दाम्पत्य में कमी; शेयर से लाभ | 
| अगस्त | मुकदमे में हानि; दाम्पत्य जीवन कमजोर; कमर दर्द; मानसिक तनाव | 
| सितम्बर | विवाद से कष्ट; विदेश यात्रा न करें; सरकार से लाभ; आकस्मिक धनलाभ | 
| अक्टूबर | कार्य पूर्ण होंगे; व्यापार में लाभ; विदेश यात्रा में कष्ट; पिता से उपहार | 
| नवम्बर | सभी कार्यों में सफलता; धातु व्यापार से लाभ; सरकारी परेशानियाँ | 
| दिसम्बर | योजनाओं से लाभ; नेत्र व पैरों में कष्ट; दलाली-खाताबही से लाभ | 
| जनवरी 2026 | धन-संपत्ति में कमी; अपमान; वन यात्रा से कष्ट; लेखन से यश | 
| फरवरी | सिर में पीड़ा; आर्थिक भय; पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद; बुद्धि से लाभ | 
| मार्च | व्यापार से लाभ; कला में उन्नति; यात्रा से सुख; माता-पिता से संबंध सुधरेंगे | 
🔚 वार्षिक निष्कर्ष (मकर राशि/लग्न)
| विषय | फलादेश | 
|---|---|
| 💼 व्यवसाय / नौकरी | व्यापार में लाभ के अवसर; कर्ज व विवाद से बचें | 
| 💰 धन / निवेश | लाभ की संभावनाएं परंतु स्वास्थ्य पर खर्च संभव | 
| 🏠 परिवार / दाम्पत्य | स्त्री के स्वास्थ्य पर असर; परिजनों से विवाद | 
| 📚 विद्या / संतान | बच्चों को सफलता व असफलता दोनों का योग | 
| 🧘 स्वास्थ्य | नाभि, आंख, सिर, कमर – स्वास्थ्य सावधानी आवश्यक | 
| ✈️ यात्रा | यात्रा से लाभ व साथ ही कुछ कष्ट; विदेश यात्रा में बाधा | 
🛡️ वार्षिक निवारण व उपाय
✅ शनि शांति हेतु – शनिवार व्रत, शनि स्तोत्र, नीलम, तैलाभिषेक
✅ गुरु हेतु – गुरुवार को दान, गुरु स्तोत्र, पोखराज धारण
✅ राहु-केतु हेतु – हनुमान चालीसा, नारियल प्रवाहित, “दुर्गा सप्तशती” का पाठ
✅ विशेष – "विष्णु सहस्रनाम", "नवग्रह शांति यज्ञ" वर्ष में एक बार करवाएं
