ग्रहों के शारीरिक स्वरूप, स्वभाव, तथा प्रकृति
यहां पर ग्रहों के शारीरिक स्वरूप, स्वभाव, तथा प्रकृति के विस्तृत श्लोक प्रस्तुत किए हैं। यह जानकारी ज्योतिषीय दृष्टिकोण से व्यक्तित्व-निर्णय (Character Analysis) और ग्रहस्वरूप ज्ञान के लिए अत्यंत उपयोगी है।
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| ग्रहों के शारीरिक स्वरूप, स्वभाव, तथा प्रकृति |
इसे हम एक व्यवस्थित सारणी, भावार्थ, और गुणविश्लेषण के साथ स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करते हैं:
🔭 ग्रहों का स्वरूप, प्रकृति और गुण (Graha Swaroop, Prakriti, Gunas)
| 🌞 ग्रह | 🧍♂️शारीरिक स्वरूप | 🔥 प्रकृति (दोष) | 🧠 गुण / स्वभाव | 👁️♂️ नेत्र / कांति |
|---|---|---|---|---|
| सूर्य (श्लोक 24) | चौकोर शरीर, कम बाल | पित्तप्रधान | पवित्र, बुद्धिमान, आत्मस्वामी | मधु-पिंगल (शहद रंग आँखें) |
| चन्द्रमा (25) | गोल, वात-कफयुक्त | वात-कफ मिश्रित | शुभदृष्टि, मधुरवाणी, चंचल, कामातुर | सुकोमल दृष्टि |
| मंगल (26) | पतली कमर, औदार्ययुक्त | पित्तप्रधान | क्रूर, क्रोधी, लाल आँखें, उतावला | रक्तनेत्री |
| बुध (27) | सुडौल, हास्यप्रिय | त्रिदोषयुक्त (वात, पित्त, कफ) | चतुर, रहस्ययुक्त वाणी, हास्यबुद्धि | आकर्षक |
| गुरु (28) | विशाल, लंबा, स्थूल | कफप्रधान | बुद्धिमान, शास्त्रपारंगत | पीली/भूरी आँखें, मध्यम दृष्टि |
| शुक्र (29) | आकर्षक, घुँघराले बाल | कफ-वात मिश्रित | काव्यशील, कामनाशील, कान्तिवान | सुंदर नेत्र |
| शनि (30) | लंबा-पतला, रूखे बाल | वातप्रधान | आलसी, स्थूल दाँत, विकलांगतुल्य | पीली, विकृत दृष्टि |
| राहु (31) | धुएँ सा साँवला, वनवासी | वातप्रधान | भयावह, माया-युक्त, तीव्र बुद्धि | काली दृष्टि |
| केतु (31) | राहु के समतुल्य | वातप्रधान | तपस्वी, गूढ़, विचित्रकर्मी | धूम्रवर्ण |
🕯️ विशेष विवेचना (Observations & Insights):
१. शरीर का प्रकार
- गुरु, शनि, राहु — लम्बे/दीर्घकाय
- चन्द्र, बुध, शुक्र — गोल-मटोल या मध्यम आकार
- मंगल — पतला कमर, तीव्र देह
- सूर्य — समान लम्बाई-चौड़ाई युक्त, सुदृढ़
२. स्वभाव के संकेत
| गुण | प्रतिनिधि ग्रह |
|---|---|
| तेजस्विता / आत्मबल | सूर्य, मंगल |
| शांति, कोमलता | चन्द्र |
| चतुराई / हास्यबुद्धि | बुध |
| ज्ञान / धर्म / आचार्यता | गुरु |
| कामनाशीलता / रतिकला | शुक्र |
| विलंब, श्रम, दुख | शनि |
| माया, छल, भय | राहु, केतु |
३. दोष/प्रकृति (आयुर्वेदिक दृष्टि से)
- पित्तप्रधान: सूर्य, मंगल
- वातप्रधान: शनि, राहु, केतु
- कफप्रधान: गुरु, शुक्र
- त्रिदोषयुक्त: बुध
- वात-कफ मिश्रित: चन्द्र
🔬 नैसर्गिक ग्रहभाव विचार में प्रयोग:
- किसी जातक के स्वभाव, शील, रूप का निर्णय करते समय जन्मकालीन:
- लग्नेश
- चन्द्रमा
- नवांश लग्नेश
- ग्रह दृष्टि युक्त ग्रहों की स्वरूप-प्रकृति देखना चाहिए।
📘 उदाहरण: यदि जन्म लग्न में मंगल है तो जातक तेजस्वी, क्रोधी व पित्तप्रधान होगा।
🧾 निष्कर्ष रूप सारणी:
| ग्रह | दोष | स्वभाव/प्रवृत्ति | नेत्र/वर्ण | अन्य संकेत |
|---|---|---|---|---|
| सूर्य | पित्त | तेजस्वी, पवित्र, चतुर | मधु-पिंगल | कम बाल |
| चन्द्र | वात-कफ | कोमल, मधुरवाणी, भावुक | शीतल दृष्टि | गोलाकार |
| मंगल | पित्त | क्रोधी, क्षिप्र, रक्तनेत्र | तीव्रदर्शी | पतला |
| बुध | त्रिदोष | हास्यप्रिय, वाक्चतुर | आकर्षक दृष्टि | गूढ़ वक्ता |
| गुरु | कफ | शास्त्रज्ञ, विद्वान | पीतदृष्टि | दीर्घकाय |
| शुक्र | कफ-वात | कान्तिवान, काव्यशील | कोमल नेत्र | सुंदरकाय |
| शनि | वात | धीमा, कठोर, रुक्ष | विकृत दृष्टि | रूखे बाल |
| राहु | वात | भयप्रद, माया युक्त | धूम्र दृष्टि | धुआँ-सांवला |
| केतु | वात | रहस्यवादी, तपस्वी | धूम्र-नील वर्ण | राहु सम |
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