प्राणपद परिभाषा, गणना और उदाहरण

Sooraj Krishna Shastri
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प्राणपद परिभाषा, गणना और उदाहरण 

यहां पर प्राणपद (Prāṇapada) विषयक श्लोकों सहित विस्तृत विवेचन प्रस्तुत किया है। आइए इसे संक्षेप में और व्यवस्थित रूप में समझते हैं — श्लोक सहित, व्याख्या के साथ:

प्राणपद परिभाषा, गणना और उदाहरण
प्राणपद परिभाषा, गणना और उदाहरण 



प्राणपद परिभाषा एवं गणना:

📜 श्लोक 74

भांशपादसमैः प्राणैश्चराद्यर्कत्रिकोणभात्‌ ।
उदयादिष्टकालान्तं यद्भं प्राणपदं हि तत्‌ ॥ ७४ ॥

भावार्थ:
राशिचक्र को 360 अंशों में बाँटकर उसे 15 अंश (एक प्राण) की इकाई में बाँटा जाए। किसी व्यक्ति का जन्म सूर्य के उदय से लेकर उस जन्म समय तक जितने प्राण निकलते हैं, उतने प्राण अंश लेकर सूर्य से संबंधित त्रिकोण राशि में मिलाने पर प्राणपद प्राप्त होता है।


📜 श्लोक 75

स्वेष्टकालं पलीकृत्य तिथ्याप्तं भादिकं च यत्‌ ।
चरागद्विभगे भागे भानौ युत नवमे सुते ॥

भावार्थ:
इष्टकाल को (सूर्योदय से जन्म समय तक) पल में बदलकर 5 से भाग दें। जो भागफल (भाँग) निकले, वही प्राण राशि मानी जाती है।

  • यदि सूर्य चर राशि में हो → उसी में जोड़ें।
  • यदि स्थिर राशि में हो → सूर्य से 9वीं राशि में जोड़ें।
  • यदि द्विस्वभाव राशि में हो → सूर्य से 5वीं राशि में जोड़ें।
    इस प्रकार, सूर्य के आधार पर प्राणपद राशि निकाली जाती है।

📜 श्लोक 76

स्फुटं प्राणपदाख्यं तल्लग्नं ज्ञेयं द्विजोत्तम ।
लग्नाद् द्विकोणे तुर्ये च राज्ये प्राणपदं तदा ॥

भावार्थ:
जो स्पष्ट राशि या लग्न प्राणपद से निकले वह प्राणपद लग्न कहलाता है। यदि यह लग्न जन्मलग्न से द्वितीय, चतुर्थ या दशम स्थान पर हो तो जातक को राजयोग अथवा शुभ जन्मफल प्राप्त होता है।


📜 श्लोक 77

शुभं जन्म विजानीयात् तथैवैकादशेषपि च ।
अन्य स्थाने स्थितं चेत् स्यात् तदा जन्माशुभं वदेत्‌ ॥ ७७ ॥

भावार्थ:
यदि प्राणपद लग्न, जन्म लग्न से द्वितीय, चतुर्थ, दशम या एकादश भाव में हो, तो शुभफलदायक होता है। अन्य भावों में स्थित प्राणपद अशुभ फल देता है।


🧮 गणना की प्रक्रिया संक्षेप में:

  1. सूर्योदय से जन्म समय तक का अंतर निकालें (घंटा, मिनट)।

  2. उस समय को पल में बदलें (1 घड़ी = 24 मिनट = 60 पल)।

  3. पल को 5 से भाग दें → जो भागफल है, उतना प्राण राशि अंश

  4. सूर्य की राशि पर यह राशि जोड़ें, लेकिन ध्यान दें:

    • सूर्य चर राशि में हो → उसमें ही जोड़ें।
    • सूर्य स्थिर राशि में हो → सूर्य से 9वीं राशि में जोड़ें।
    • सूर्य द्विस्वभाव राशि में हो → सूर्य से 5वीं राशि में जोड़ें।
  5. परिणामी राशि ही प्राणपद राशि/लग्न होती है।


📝 प्राणपद गणना के मापदंड:

घटकों मान
सम्पूर्ण राशिचक्र 360° (अंश)
एक प्राण 15°
6 प्राण 1 घड़ी (24 मिनट)
1 प्राण 4 मिनट (या 5 पल)
प्राणपद काल सूर्य उदय से जन्म काल तक का अंतर (इष्टकाल)

🪔 उदाहरण 

जन्म विवरण —
🗓 तिथि: 2 दिसंबर 1991
🕐 समय: दोपहर 1:00 बजे
📍 स्थान: सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश
☀️ सूर्योदय: प्रातः 6:45 बजे

के आधार पर—

🔶 प्राणपद लग्न का निर्धारण:

  • इष्टकाल (सूर्योदय से जन्म तक): 6 घंटे 15 मिनट
  • इष्टकाल के पल: लगभग 375 पल
  • प्राणपद राशि = 375 ÷ 5 = 75 प्राण = 2.5 राशि (मीन से गिनती)
  • सूर्य उस दिन वृश्चिक राशि (चर राशि) में माना गया, अंश लगभग 15°।

चर राशि में सूर्य होने पर उसी राशि में प्राण राशि जोड़ी जाती है:
वृश्चिक (8वीं) + 2.5 राशि = सिंह (5वीं राशि)

👉 अतः  प्राणपद लग्न हुआ – सिंह राशि के 0° पर।

📌 निष्कर्ष:

प्राणपद लग्न = सिंह 0°

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